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अनुभव प्रमाण पत्र की जांच को कॉलेजों में जाएगी कमेटी

मुजफ्फरपुर में सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच के लिए विवि की टीम कॉलेजों में जाएगी। यूजीसी के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। जांच...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 22 Feb 2025 03:35 AM
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अनुभव प्रमाण पत्र की जांच को कॉलेजों में जाएगी कमेटी

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता विश्वविद्यालय सेवा आयोग (यूजीसी) की तरफ से चयनित सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच के लिए संबंधित कॉलेजों में विवि की टीम जाएगी। अनुभव प्रमाण पत्र की जांच के लिए विवि ने तीन सदस्यीय कमेटी का चयन किया गया है। इस कमेटी को 15 दिन में जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच का निर्देश दिया था। इसी के आलोक में विवि प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया है। सहायक प्राध्यापकों के चयन में बड़ी संख्या में अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी सामने आई थी।

बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार ने बताया कि सोमवार से इस मामले में जांच शुरू हो जाएगी। जिनको अनुभव प्रमाण पत्र और दिव्यांगता सर्टिफिकेट का लाभ मिला है, उसका सत्यापन किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि जांच टीम कॉलेज में जाकर यह पूछेगी कि जिस अभ्यर्थी को अनुभव प्रमाण पत्र दिया गया है, उसने उनके यहां कितने दिनों तक काम किया है।

पिछले दिनों सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में कई गड़बड़ियां सामने आई थीं। बीआरएबीयू के निजी कॉलेज ने एक अभ्यर्थी को वाणिज्य विषय में अनुभव प्रमाणपत्र दिया और उस अभ्यर्थी की नियुक्ति अर्थशास्त्र विषय में हुई है। यूजीसी में नियुक्ति के लिए अनुभव प्रमाणपत्र पर 10 अंक हैं। इसलिए बीआरएबीयू समेत कई विश्वविद्यालयों में रेवड़ी की तरह अनुभव प्रमाणपत्र बांटे गए।

सहायक प्राध्यापक के पद पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अनुभव प्रमाणपत्र लाने को कहा गया था और विवि प्रशासन को इसकी जांच करनी थी। सूत्रों ने बताया कि अनुभव प्रमाणपत्र को बिना जांचे ही आगे अनुशंसित कर दिया गया। इससे पहले कई निजी कॉलेजों द्वारा बिना स्वीकृत सीट के ही अभ्यर्थियों को अनुभव प्रमाणपत्र देने का भी मामला सामने आ चुका है। सूत्रों के अनुसार लोक प्रशासन विषय में एक अभ्यर्थी का नाम मेरिट लिस्ट में जारी किया गया था, लेकिन जब फाइनल नाम जारी किया गया तो उसका नाम गायब था। इसके अलावा अनुभव प्रमाणपत्र कई ऐसे विषयों के दिए गए जो सेल्फ फिनांस के तहत चल रहे हैं।

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