बीआरएबीयू में खुलेगा इंडियन नॉलेज सेंटर
मुजफ्फरपुर के बीआरएबीयू में भारतीय ज्ञान परंपरा, प्राकृत चिकित्सा, और आइडिया ऑफ भारत पर अध्ययन के लिए एक इंडियन नॉलेज सेंटर खोला जाएगा। मेरू प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलेगी। नए भवनों...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में इंडियन नॉलेज सेंटर खोला जाएगा। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा, प्राकृत चिकित्सा, आइडिया ऑफ भारत की पढ़ाई होगी। मेरू प्रोजेक्ट के तहत विवि ने डीपीआर तैयार कर लिया है। मेरू प्रोजेक्ट की नोडल व बिहार विवि की सीसीडीसी प्रो. मधु सिंह ने बताया कि मेरू प्रोजेक्ट के लिए चयन होने पर विवि को 100 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए हमने अपना प्रस्ताव दमदारी के साथ भेजा है। पीएम ऊषा कार्यक्रम के तहत यह प्रस्ताव भेजा गया है।
सीसीडीसी ने बताया कि शुक्रवार को पीएम ऊषा कार्यक्रम अधिकारी ने विवि का निरीक्षण भी किया है। मेरू प्रोजेक्ट के लिए बिहार से चार विश्वविद्यालयों ने आवेदन किया है। यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की तरफ दिया जाना है। बीआरएबीयू की रजिस्ट्रार प्रो. अपराजिता कृष्ण ने इस प्रोजेक्ट को तैयार कराया है।
बिहार विवि में बनेंगे छह-छह मंजिल के दो नये भवन
बीआरएबीयू में छह-छह मंजिल के दो नये भवन बनाए जाएंगे। सीसीडीसी ने बताया कि सोशल साइंस ब्लॉक को तोड़कर नया भवन बनाया जाएगा। यह छह मंजिल का होगा। इस भवन में सोशल साइंस के पीजी विभागों के अलावे कंप्यूटर सेंटर, इक्यूबेशन सेंटर, रिसर्च सेंटर रहेगा। साथ में प्लेसमेंट सेल और एलुमिनी सेल भी इस भवन में चलाया जाएगा। दूसरे भवन में मूक स्टूडियो, आईसीटी लैब, इनोवेशन सेंटर, रोबोटिक्स सेंटर रहेंगे। दोनों भवन 31 करोड़ की लगात से बनाए जाएंगे। इसके अलावा एक लैंगवेज लैब भी बनेगा। सीसीडीसी ने बताया कि इसी भवन में पीजी स्तर के कई कोर्स चलेंगे, जिनमें पर्यावरण विज्ञान, बाबा साहब सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी, इंडियन नॉलेज सिस्टम की पढ़ाई होगी।
पांच करोड़ से शोध छात्रों के लिए हॉस्टल का प्रस्ताव
मेरू प्रोजेक्ट के तहत शोध छात्रों के लिए पांच करोड़ से हॉस्टल बनाने का भी प्रस्ताव है। इसमें एक महिला और एक पुरुष छात्रावास होगा। एक इंडोर स्टेडियम भी बनाया जाएगा। जूलॉजी विभाग में एक एनिमल हाउस, केमेस्ट्री विभाग में एक म्यूजियम और एक ओपेन थियेटर भी बनेगा।
विवि में अब पीएचडी छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप
सीसीडीसी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के मिल जाने के बाद शोध छात्रों को स्कालरशिप दी जाएगी। छात्रों को मेजर और माइनर प्रोजेक्ट के लिए भी राशि मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग का कोर्स खोलने का भी प्रस्ताव है। यह एमटेक स्तर की डिग्री है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2027 के शुरुआत तक पूरा करना है। पूरे देश में यह प्रोजेक्ट 50 विश्वविद्यालयों को दिया जाना है।
कॉलेजों को भी मिलेगी राशि, तीन कॉलेज तैयार कर रहे प्रस्ताव
सीसीडीसी ने बताया कि कॉलजों को भी विकास के लिए पांच करोड़ की राशि दी जानी है। बिहार विवि के तीन कॉलेज आरबीबीएम, एलएनटी और एलएस कॉलेज इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। मेरू प्रोजेक्ट में विश्वविद्यालय को 55 करोड़ की राशि निर्माण के लिए, पांच करोड़ उपकरण खरीद के लिए, 10 करोड़ रेनोवेशन के लिए और 30 करोड़ स्कॉलरशिप और सेमिनार आदि के लिए दिए जाएंगे।
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