हीटवेव से निपटने को अस्पतालों में सात दवाएं रखना अनिवार्य
मुजफ्फरपुर में हीटवेव के दौरान सरकारी अस्पतालों में सात प्रकार की दवाएं रखना अनिवार्य किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है और लू के इलाज के लिए विशेष प्रोटोकॉल जारी...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता हीटवेव से बचने के लिए सरकारी अस्पतालों में सात तरह की दवाएं रखना अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसको लेकर मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों के सीएस और मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षक को निर्देश जारी किया है।
बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है। अस्पतालों में एंटी डायरिया, एंटी एमोबी दवा, एंटी एमिटी दवा, एंटी संस्मोडिक दवा, एंटी वायरल दवा, आईवी प्लूइड और ओआरएस को रखना है। इसके अलावा लू लगने के इलाज में काम आने वाले उपकरणों को भी रखने का निर्देश दिया गया है।
लू पीड़ित की सबसे पहली होगी बीपी की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने लू से पीड़ित व्यक्ति के इलाज का प्रोटोकॉल भी तय किया गया है। लू पीड़ित व्यक्ति की अस्पताल में पहले बीपी की जांच की जाएगी। इसके आलवा मरीजों की हार्ट रेट, रेस्परेट्री रेट, रेक्टर टेम्परेचर और मानसिक स्थिति की जांच की जाएगी। लू पीड़ित मरीजों की सीबीसी, इलेक्ट्रोलाइट, इसीजी, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और मेटाबॉलिक जांच की जाएगी।
वार्ड में 24 घंटे रहेगी डॉक्टरों की ड्यूटी
सभी अस्पतालों में हीटवेव के लिए वार्ड बनाए जाने हैं और इन वार्ड में 24 घंटे डॉक्टर की ड्यूटी रहेगी। विभाग ने इस वार्ड के लिए डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर बनाने का निर्देश दिया है। सीएस को निर्देश दिया गया कि वह खुद से लू के लिए बने वार्ड का निरीक्षण करें। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विशेष तौर पर सारी सुविधाए रखने का निर्देश दिया गया है।
वार्ड में एसी और कूलर भी अनिवार्य
हीटवेव के लिए बने अस्पतालों में बने वार्ड में एसी और कूलर रखना भी विभाग ने अनिवार्य किया है। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वह लू से बचाव के लिए प्रचार अभियान चलाएं।
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