प्रख्यात गांधीवादी नेत्री शशिप्रभा का निधन
मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध गांधीवादी नेत्री शशिप्रभा का निधन शुक्रवार तड़के हुआ। वे भूदान आंदोलन से जुड़ी थीं और उनके निधन पर सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में शोक का माहौल है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को...
मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। जिले की प्रख्यात गांधीवादी नेत्री और भूदान आंदोलन को धार देनेवाली शशिप्रभा का शुक्रवार तड़के नई बाजार स्थित आवास पर निधन हो गया। उनके निधन से सामाजिक क्षेत्र के साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में काम करनेवालों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार सुबह सिकंदरपुर स्थित बूढ़ी गंडक नदी के किनारे मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शशिप्रभा अपने ससुर और प्रसिद्ध गांधीवादी नेता लक्ष्मी नारायण के सानिध्य में आकर गांधीवादी आंदोलन से जुड़ीं। साथ ही विनोबा जी के साथ उनके भूदान आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लक्ष्मी नारायण 1919 में जिला कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य चुने गए। उनकी ईमानदारी के कारण तिलक स्वराज्य कोष की 1921 ई. में स्थापना होने पर इन्हें कोषाध्यक्ष बनाया गया। 1922 में बिहार प्रान्तीय कांग्रेस समिति ने खादी विभाग का गठन किया। इसके संचालन के लिए बनी पांच सदस्यीय संचालन समिति में एक लक्ष्मी नारायण भी थे।
इसकी जानकारी उनके पुत्र अजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि वे अपने पीछे चार बेटों, दो बेटियों के अलावा बहुओं, दामादों और नाती पोतों से भरापूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके निधन पर सामाजिक संगठनों के अलावा राजनीति से जुड़े लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।