एलएस कालेज से पढ़े थे पूर्व डीजीपी डीपी ओझा
बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा, जिन्होंने 1964 में एलएस कॉलेज से एमएससी की परीक्षा पास की थी, कॉलेज के मेधावी छात्र रहे। प्राचार्य प्रो ओपी राय ने बताया कि ओझा ने कॉलेज में एक दुर्लभ कल्पतरू का पेड़...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा एलएस कॉलेज के थे। उन्होंने वर्ष 1964 में कॉलेज से एमएससी की परीक्षा पास थी। एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो ओपी राय ने बताया कि डीपी ओझा फिजिक्स के विद्यार्थी थे। एलएस कॉलेज के शिक्षकों ने पुराने शिक्षकों का हवाला देते हुआ बताया कि पूर्व डीजीपी मेधावी छात्र थे। सभी शिक्षक उनकी तारीफ करते थे।
एलएस कॉलेज के भौतिकी के प्रोफेसर डॉ टीके डे ने कहा कि पूर्व डीजीपी का एलएस कॉलेज का पूर्व छात्र होना कॉलेज के लिए गौरव की बात है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो ओपी राय ने बताया कि पूर्व डीजीपी कॉलेज आए थे और उन्होंने दुर्लभ कल्पतरू का पेड़ लगाया थे। प्राचार्य ने बताया कि पूर्व डीजीपी के नाम पर कॉलेज में मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया जाएगा।
कॉलेज में शिक्षक बनने का किया था प्रयास :
1967 बैच के आईपीएस डीपी ओझा वाम विचारधारा के व्यक्ति थे। एलएस कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने वे एक बार मुजफ्फरपुर शहर के प्रसिद्ध कॉलेज में शिक्षक भर्ती के लिए साक्षात्कार देने पहुंच गए, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सके। साक्षात्कार देने वे अपने कॉलेज के दिनों के दोस्त डॉ. नंदकिशोर शर्मा के साथ गए थे। शर्मा का चयन संस्कृत विषय के शिक्षक के रूप में हो गया। वे बाद में दरभंगा स्थित संस्कृत विवि के प्रो वीसी और वीसी तक बने। वरिष्ठ पत्रकार और डीपी ओझा के करीबी रहे प्रमोद कुमार ने बताया कि इस किस्से को तिरहुत रेंज के डीआईजी रहते डीपी ओझा ने कई बार सुनाया था। ओझा के कार्यकाल की चर्चा करते हुए बताया कि वे ड्यूटी के मामले में काफी कड़क और अनुशासनप्रिय थे। बिना किसी राजनैतिक दबाव के काम करना उनकी कार्यशैली में शामिल था। डीआईजी रहते उन्होंने जिले के एक कद्दावर कांग्रेसी मंत्री के बेटे के बस को ओवरलोडिंग में जब्त कर लिया और सदर थाने में ला कर खड़ा करा दिया था।
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