दो सौ पंचायतों ने रकबा से अधिक जमीन में कर ली खेती
मुजफ्फरपुर में फसल सहायता अनुदान के लिए 197 पंचायतों ने अपने कुल रकबे से अधिक जमीन पर खेती दिखाकर अनुदान राशि लेने की कोशिश की। यह गड़बड़ी 13 जिलों में सामने आई है। सहकारिता विभाग ने मामले की जांच का...

मुजफ्फरपुर, कुंदन कुमार सरकार से मिलने वाले फसल सहायता अनुदान के लिए हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। सूबे की 197 पंचायतों में उसके कुल रकबा से अधिक जमीन पर खेती दिखाकर अनुदान राशि लेने की कोशिश की गई। मामला पकड़ में आने के बाद सहकारिता विभाग ने सभी जिलों की जिलास्तरीय समिति को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। तब तक फसल सहायता अनुदान के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
राज्य फसल सहायता योजना में वर्ष 2024 के खरीफ फसल के लिए अनुदान लेने के लिए यह गड़बड़ी 13 जिलों में सामने आई है। जांच के दायरे में पश्चिम चंपारण, सुपौल, सीतामढ़ी, सारण, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, भोजपुर, बेगूसराय और बांका के 66,634 किसानों के आवेदन हैं। इन किसानों ने मिलकर अपनी पूरी पंचायत के भौगोलिक क्षेत्रफल से अधिक की जमीन में फसल उगाने का दावा करते हुए अनुदान के लिए आवेदन कर दिया है।
सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश संबंधित डीएम को दिए हैं। कहा है कि खरीफ 2024 मौसम में अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय से प्राप्त उपज दर आंकड़ों के आधार पर सूबे की कुल 1061 ग्राम पंचायतों को फसल सहायता राशि के लिए अनुमान्य पाया गया। उपज दर आंकड़ों के आधार पर योग्य पाई गई 1061 ग्राम पंचायतों में से 197 ग्राम पंचायत ऐसी मिली, जहां के किसानों द्वारा आवेदित फसल बुआई क्षेत्र का रकबा एनआईसी से प्राप्त संबंधित पंचायत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल से अधिक है। सचिव ने डीएम को जिला स्तरीय समन्वय समिति की शीघ्र बैठक कराने और इन पंचायतों का भौतिक सत्यापन कराकर रिपोर्ट देने को कहा है, ताकि योग्य किसानों को फसल सहायता अनुदान का भुगतान हो सके।
मुजफ्फरपुर की 15 पंचायतों की रिपोर्ट संदिग्ध
सूबे में जिन 197 पंचायतों के किसानों के आवेदन को संदिग्ध श्रेणी में रखा गया है, उनमें मुजफ्फरपुर की 15 पंचायतें शामिल हैं। इनमें मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड की औराई, खेतलपुर व राजखंड दक्षिणी के अलावा गायघाट की दहिला पटशर्मा, कांटा पिरौछा उत्तरी, केवटसा, शिवदाहा व सुस्ता, कटरा प्रखंड की बंधपुरा, बसघट्टा, बरारी, सोनपुर व तेहवारा, पारू प्रखंड की चक्की सोहागपुर पंचायत शामिल है। इन पंचायतों के किसानों ने जितनी जमीन पर फसल उगाने का दावा आवेदन में किया था, उस पूरे पंचायत की जमीन उससे कम है।
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