मंदिर में शादी कराने आया अभिभावक निकला फर्जी
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में एक अभिभावक शादी कराने आया, लेकिन जब मंदिर प्रशासन ने कागजात मांगे तो वह फर्जी निकला। लड़का-लड़की अपने अभिभावकों के आधार कार्ड नहीं दे पाए, जिससे शादी रोक दी गई।...
मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। बाबा गरीबनाथ मंदिर में शादी कराने के लिए एक अभिभावक लड़का और लड़की के साथ पहुंचा। जब मंदिर प्रशासन ने उनसे जरूरी कागजात मांगे तो अभिभावक फर्जी निकला। लड़का-लड़की से जब मंदिर प्रशासन ने दोनों के अभिवावकों का आधार कार्ड मांगा तो वह नहीं दे पाए। इसपर मंदिर प्रशासन को संदेह हुआ और शादी रोक दी।
यह घटना बीते सोमवार की बताई जा रही है। इसके बाद लड़का-लड़की संतोषी माता मंदिर गये। वहां से भी उसे लौटा दिया गया। मंदिर प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई की मंदिर में शादी नियमानुकूल ही होगी। किसी प्रकार की गड़बड़ी या संदेह होने पर शादी नहीं हो सकती।
नये नियम में लड़की 21 व लड़का 22 वर्ष से कम नहीं
बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक ने बताया कि मंदिर में नये नियम के अनुसार शादी हो रही है। अब लड़की की 21 और लड़के की उम्र 22 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। सभी जरूरी कागजात और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शादी होगी। शादी के लिए उन्हें आधार और आयु से संबधित प्रमाणपत्र लाना होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधि से शादी का लिखित प्रमाणपत्र देना होगा। लड़का व लड़की के माता-पिता साथ हों और उनका आधार होना चाहिए। अगर वे मृत हैं तो उनके घर का अभिवावक होना चाहिए। लड़का और लड़की पक्ष से दो-दो गवाह होनी चाहिए। शादी के लिए 11 सौ रूपये की शुल्क निर्धारित की गयी है।
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