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अवैध चयन की जांच का निदेशक ने दिया आदेश

राज्य के जन शिक्षा निदेशक एवं शिक्षा विभाग के अपर सचिव कुमार रामनुज ने मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी को तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों के अवैध चयन की जांच का आदेश दिया है। निदेशक ने डीईओ से पूछा है...

Abhishek Kumar प्रमुख संवाददाता, मुजफ्फरपुरTue, 19 Nov 2019 04:18 PM
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राज्य के जन शिक्षा निदेशक एवं शिक्षा विभाग के अपर सचिव कुमार रामनुज ने मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी को तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों के अवैध चयन की जांच का आदेश दिया है। निदेशक ने डीईओ से पूछा है कि पूर्व में नगर क्षेत्र में जिन 30 तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों का चयन रद्द किया गया था, उनके नाम जिले से भेजी गई सूची में दोबारा कैसे शामिल की गई। उन्होंने इस मामले को गंभीर बताते हुए शिकायतकर्ता पूर्व वार्ड पार्षद दीपलाल राम द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर जांच कराने का निर्देश दिया है। निदेशक ने एक पखवाड़े में रिपोर्ट मांगी है।
 निदेशक के पत्र से तालीमी मरकज के अवैध चयन को चार साल बाल पुनर्जीवित करने वाले अधिकारियों में खलबली है। मुजफ्फरपुर में 2014-15 में संविदा पर 329 तालीमी करकज की बहाली होनी थी, जिनमें से 177 का चयन किया गया। नगर आयुक्त ने 29 दिसंबर 2015 को जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि निलंबित विद्यालय अवर निरीक्षक ने बड़े पैमाने पर तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों की फर्जी बहाली की है। तत्कालीन डीईओ गणेश दत्त झा ने जांच के आधार पर 20 जनवरी 2016 को तालीमी मरकज का चयन रद्द करते हुए डीएम को रिपोर्ट सौंपी। बाद में डीएम धर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर शिक्षा सेवकों के चयन की दोबारा जांच हुई। जांच रिपोर्ट में नगर क्षेत्र के ऐसे 30 शिक्षा सेवकों का नाम दोबारा सूची में शामिल किया गया, जिनका चयन पहले रद्द किया गया था।
इन बिन्दुओं पर होगी जांच
निदेशक ने दीपलाल राम द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर जांच का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि वर्ष 2014-15 में तत्कालीन नगर विद्यालय अवर निरीक्षक प्रतिमा कुमारी ने 30 शिक्षा सेवकों की अनियमित ढंग से चयन सूची तैयार की। शिक्षा सेवकों का चयन स्कूल स्तर पर हेड मास्टर, संकुल समन्वयक, विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद समेत आठ सदस्यों के संयुक्त हस्ताक्षर से होना था। निदेशक के आदेशानुसार अब स्कूल स्तर पर शिकायत के बिन्दुओं और अभिलेखों की जांच होगी? जांच में देखा जाएगा कि वास्तव में हेड मास्टर ने चयन के लिए कोई संचालन समिति बनायी या नहीं? आवेदकों की मेधा सूची तैयार हुई या नहीं?नौ एचएम ने किया अस्वीकार
अवैध रूप से कागज पर चयनित शिक्षा सेवकों की ज्वाइनिंग कराने के लिए प्रधानाध्यापकों पर दबाव डाला जा रहा है। दबाव में आकर कुछ हेड मास्टर शिक्षा सेवकों की ज्वाइनिंग स्वीकार कर चुके हैं, लेकिन उनके पास भी चयन से संबंधित अभिलेख नहीं हैं। नगर क्षेत्र के नौ स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने जब 15 अवैध शिक्षा सेवकों की ज्वाइनिंग कराने से मना कर दिया तो उन्हें विभागीय कार्रवाई की धमकी दी गई। नौ हेड मास्टर ने लिखित शिकायत की है कि उनके स्तर से न तो चयन की प्रक्रिया हुई और न उनके व संकुल समन्वयक के संयुक्त हस्ताक्षर से चयन सूची बनाई गई। 
डीएम के आदेश पर डीडीसी और एडीएम की अध्यक्षता में दो जांच टीम गठित की थी। जांच रिपोर्ट में  जिनका चयन सही पाया गया, विगाग के अनुमोदन के आधार पर उन्हें ज्वाइन कराने का पत्र जारी हुआ है। शिकायत के बिन्दुओं पर जांच होगी।
-विमल कुमार ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर 
 

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