छुट्टी का दिन होने के बावजूद दिन भर जारी रहा जल निकासी का अभियान
बेला, बालूघाट, पड़ाव पोखर, रमना, मिस्कॉट,गोविंदपुरी, चित्रगुप्तपूरी आदि निचले इलाके में अभी जमा है पानी दर उा एस दर यदर इी अह बि गक्रे...
रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद शहर में दिनभर निगम के अधिकारी के साथ पार्षद सफाई टीम के साथ दिनभर शहर से जलजमाव को दूर करने में जुटे रहे। निगम ने इसके लिए पहली बार पोकलेन मशीन तक का इस्तेमाल किया। फरदो नाले की सफाई के लिए मझौलिया में इसे लगाया गया। वहीं सुपर शकर की मदद से आमगोला और मिठनपुरा से पानी निकाला गया। उधर, मोतीझील, अंडी गोला रोड, जवाहर लाल रोड, तिलक मैदान से जमे बरसात का पानी निकालने के लिए स्वयं वार्ड पार्षद राकेश कुमार पप्पू और वार्ड 24 के पार्षद पति त्रिभूवन राय स्वयं अंचल निरीक्षक और निगम की टीम के साथ पानी निकालने के लिए जुटे रहे। कई दिनों के बाद धूप निकलने के कारण भी काफी राहत रही। देर शाम तक शहर के 70 फीसदी इलाके से पानी निकलने का दावा निगम की ओर से किया गया है। इसके बावजूद बेला, बालूघाट, पड़ाव पोखर, रमना, मिस्कॉट, गोविंदपुरी, चित्रगुप्तपुरी आदि निचले इलाके में अभी पानी लगा हुआ है। इन इलाकों की नारकीय हालत बनी हुई है। वहीं नाले की उड़ाही का भी लगातार काम चल रहा है। शहर के पश्चिमी और दक्षिणी इलाके में अभी आउटलेट की समस्या बनी हुई है। अब सबसे ज्यादा दिक्कत दामोदरपुर रेलवे गुमती से सटे मोहल्ले राहुल नगर आदि इलाके से जल निकासी को लेकर बनी हुई है।निगम के लिए रेलवे ट्रैक के नीचे से निकलने वाले सारे नालों की सफाई के साथ अब उसका चौड़ीकरण भी जरूरी हो गया है। वहीं रेलवे लाइन के लिए ट्रैक के लिए चल रही चौड़ीकरण की प्रक्रिया को लेकर अब इसका विस्तार भी जरूरी हो गया है। यही नहीं कई जगहों पर निकासी के लिए कनेक्टविटी का भी संकट है। इसके लिए नये नाला निर्माण की जरूरत है। कई जगहों पर पुराने नाले का अस्तित्व ही नहीं बचा है। नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि पूरे शहर से युद्ध स्तर पर जल निकासी करायी गई है। शेष इलाके से पानी निकालने की कोशिश जारी है।
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