Hindi NewsBihar NewsMuzaffarpur NewsDelays in Muzaffarpur-Sugauli Railway Project Lead to Cost Overrun of 400 Crores

पांच साल की देरी, 400 करोड़ महंगा हुआ मुजफ्फरपुर-सुगौली रेललाइन दोहरीकरण

मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजना में पांच साल की देरी के कारण लागत 400 करोड़ रुपये बढ़ गई है। परियोजना की प्रारंभिक लागत 1185.73 करोड़ थी, जो अब 1586.22 करोड़ हो गई है। रिपोर्ट में बताया...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 7 Dec 2024 06:41 PM
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मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। जिन परियोजनाओं में देरी के कारण लागत कई गुना बढ़ी है, उनमें हाजीपुर बाइपास के साथ-साथ मुजफ्फरपुर-सुगौली रेललाइन दोहरीकरण भी शामिल है। मुजफ्फरपुर को पूर्वी और पश्चिम चंपारण से जोड़ने वाली इस परियोजना में पांच साल की देरी हो चुकी है। यह देरी इसलिए भी भारी पड़ रही है कि पांच साल में इसकी लागत चार सौ करोड़ रुपये बढ़ गई है। जिले से भेजी गई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि परियोजना प्रारंभ होने के बाद हुई देरी की कीमत चार सौ करोड़ रुपये के रूप में चुकानी पड़ेगी।

मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर-सुगौली रेललाइन दोहरीकरण परियोजना में पांच साल की देर हो चुकी है। परियोजना की शुरुआती कीमत 1185.73 करोड़ थी, जो अब 1586.22 करोड़ हो गई है। मुख्य सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि यह परियोजना मुजफ्फरपुर में 89.5 फीसदी पूरी हो गई है। हालांकि अधिकारियों ने भेजी गई रिपोर्ट में संभावना जतायी है कि अगले साल नवंबर तक इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। रिपोर्ट में जिक्र है कि राज्य की निर्माण परियोजना के संयोजक सचिव ने 16 अगस्त 2013 को बैठक कर इसकी समीक्षा की थी। उसके बाद इस परियोजना की समीक्षा के लिए कोई बैठक नहीं हुई।

जिले के 11 गांव में किया गया जमीन अधिग्रहण

106 किलोमीटर लंबी मुजफ्फरपुर-सुगौली डबल लाइन के लिए मुजफ्फरपुर के 11 गांव में जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए कांटी, कांटी खुर्द, कांटी कस्बा, पीपरा असली, महवल, माधोपुर दूल्ला, ढेबहां, रतनपुर, अंकुराहा खरगी गावों में जमीन अधिगृहित की जा चुकी है। वर्तमान में यह परियोजना मुजफ्फरपुर के पिपराहा स्टेशन तक पूरी हो चुकी है। इसके आगे पूर्वी चंपारण के मेहसी तक काम अटका है। मुजफ्फरपुर के अलावा इस परियोजना के तहत पूर्वी चंपारण में भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, जो अभी अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंची है। साथ ही कई छोटे पुलियों के अलावा तीन बड़े पुल भी इस रेलखंड पर बनाए जाने हैं। इनके निर्माण की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं की जा सकी है। इस कारण परियोजना के लिए नये निर्धारित समय अवधि तक पूरा होने में संदेह है।

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