सुस्ती : 24 घंटे में ऑनलाइन नहीं हो रही एफआईआर
मुजफ्फरपुर में एफआईआर ऑनलाइन अपलोड नहीं होने के कारण फरियादियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पोर्टल पर एफआईआर अपलोड में देरी हो रही है, जिससे लोग थाने जाकर...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के पोर्टल पर 24 घंटे के अंदर एफआईआर ऑनलाइन नहीं की जा रही है। कई दिनों तक एफआईआर ऑनलाइन नहीं होने से फरियादियों को थाने में इसकी प्रति लेने पहुंचना पड़ रहा है। मंगलवार की रात तक मुजफ्फरपुर जिले के थानों की 27 नवंबर तक की एफआईआर ही ऑनलाइन हुई थी। वहीं, बुधवार को एक दिसंबर तक की एफआईआर अपलोड की गई। बुधवार शाम तक जिले के थानों की चार दिनों की एफआईआर की प्रति फरियादी ऑनलाइन नहीं देख सकते हैं।
क्राइम के सीनियर वकील शरद सिन्हा ने बताया कि पहले एफआईआर की हार्डकॉपी थानों से ही फरियादियों को मिलती थी या कोर्ट से इसकी नकल लेनी पड़ती थी। इसके लिए कई-कई दिनों तक फरियादियों को थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पोर्टल पर एफआईआर ऑनलाइन अपलोड हो जाने पर फरियादियों को थाने से कॉपी लेने का इंतजार नहीं रहता, लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पोर्टल पर भी मुजफ्फरपुर जिले के थानों की एफआईआर कई-कई दिनों तक अपलोड नहीं की जा रही है। इससे फरियादियों एवं अन्य पक्षों को परेशानी हो रही है।
अब हर एफआईआर कंप्यूटर पर ही दर्ज :
बिहार में सीसीटीएनएस लागू है। अब हर एफआईआर कंप्यूटर पर ही दर्ज होती है, जो विभाग के आंतरिक पोर्टल पर कोर्ट से लेकर पुलिस कार्यालयों तक को उपलब्ध हो जाती है। इसके बाद स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के पोर्टल पर पुलिस सार्वजनिक करती है। हालांकि, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामलों को ऑनलाइन नहीं करने का प्रावधान है, ताकि पीड़ित की पहचान सार्वजनिक नहीं हो सके। सामान्य धाराओं की एफआईआर को 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन कर देना है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पोर्टल पर मुख्यालय पटना से ही एफआईआर ऑनलाइन होती है। जिला स्तर पर सीसीटीएनएस पर ही अपलोड करने का प्रावधान है।
2021 के बाद से अपडेट नहीं किया गया क्राइम रिकॉर्ड :
एससीआरबी पर एफआईआर अपलोड करने में समय का पालन नहीं हो रहा। इस पोर्टल पर बिहार में क्राइम रिकॉर्ड का डेटा भी 2021 के बाद से अपडेट नहीं किया गया है। यदि बिहार में क्राइम के ग्राफ का रिकॉर्ड चेक करने का प्रयास करेंगे तो इस पोर्टल पर 2021 तक का ब्योरा मिल पाएगा।
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