असहिष्णुता की वजह से होते अपराध, दुनिया में हो रहे जातीय संघर्ष
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 नवंबर 1995 को सहिष्णुता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का प्रस्ताव पारित किया। ये बातें प्रो. डॉ. रामजन्म ठाकुर ने कही। वे आमगोला रोड स्थित प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय में...
असहिष्णुता की वजह से अपराध होते हैं। जातीय संघर्ष व टकराव पूरी दुनिया में हो रहे हैं। तार्किक संवाद स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 नवंबर 1995 को सहिष्णुता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का प्रस्ताव पारित किया। ये बातें प्रो. डॉ. रामजन्म ठाकुर ने कही। वे आमगोला रोड स्थित प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर आयोजित सेमिनार में विषय प्रवेश करा रहे थे। उन्होंने कहा कि धार्मिक संगठन व नैतिक शिक्षा का सहारा लेकर इसको संतुलित करने की जरूरत है। डॉ. एचएन भारद्वाज ने कहा कि प्रेम से सभी का दिल जीता जा सकता है। डॉ. एनकेपी सिंह ने कहा कि ईश्वर ने सहनशक्ति मां को दी है।
बीके रानी दीदी ने कहा कि राजयोग के अभ्यास से अष्ट शक्तियों की प्राप्ति होती है। प्रो. डॉ. राजनारायण राय ने कहा कि जो सहन करता है वह शहंशाह है। सहन करने से हमारे अंदर शक्ति व शीतलता बढ़ जाती है। माउंट आबू से पहुंचे बीके राजू भाई ने कहा कि चाह पूरी नहीं होना, अप्राप्ति, अभिमान व अपमान आदि असहिष्णुता का कारण होता है। बीके राजेन्द्र भाई ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर डॉ. जेपी रंजन, मनोरंजन प्रसाद गुप्ता, दीनबंधु आजाद , बीके कंचन, बीएस मेहरोत्रा, बीके पदमा बहन, बीके कमला देवी, बीके सीता बहन, डॉ. फणीशचन्द्र भी थे।
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