सड़क हादसे के बाद कोरोना की चपेट में आया, पर नहीं हारी हिम्मत
सड़क हादसे से उबरा भी नहीं था कि कोरोना की चपेट में आ गया। एक साथ दो तकलीफों के इलाज में कई चुनौती आई, लेकिन मैंने हार नहीं...
मुजफ्फरपुर। कार्यालय संवाददाता
सड़क हादसे से उबरा भी नहीं था कि कोरोना की चपेट में आ गया। एक साथ दो तकलीफों के इलाज में कई चुनौती आई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। पैर फ्रैक्चर था, पर इसकी दवा छोड़कर कोरोना संक्रमण की दवा लेने लगा। हादसे के बाद संक्रमण की जद में आने से परिजन भी काफी परेशान थे। ये बताते हुए गोला रोड के 40 वर्षीय व्यवसायी रंजीत कुमार साहू भावुक हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर में सड़क हादसे में जख्मी हो गया था। इसका इलाज चल ही रहा था, इस बीच 15 अप्रैल को कोरोना के लक्षण शुरू हो गए। शरीर का तापमान 103 तक चला गया। शुरुआत में लगा लू से ग्रसित हो गया हूं। खांसी, असहनीय थकान व दर्द शुरू होने पर कोरोना जांच कराई। बीस अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। व्यवसाय की चिंता छोड़कर घर में ही आइसोलेट हो गया। उन्होंने बताया कि सीने के बल सोने के कारण ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहा। तीन मई को रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन खांसी जारी है। इससे चिंता बनी हुई है। खांसी के कारण अब भी व्यवसाय छोड़कर घर में समय बिता रहा हूं। डॉक्टर से परामर्श के बाद कई दवा ली, लेकिन खांसी नहीं छूट रही है।
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