बीआरएबीयू : गड़बड़ी के कारण रोकी पीजी की मेरिटलिस्ट, 4700 छात्रों की जांच शुरू
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने पीजी की मेरिटलिस्ट को अंतिम समय में रोक दिया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद विवि ने मंगलवार की रात यह फैसला लिया। ऑनलाइन आवेदन के दौरान छात्रों ने जितने अंक भरे हैं उससे...
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने पीजी की मेरिटलिस्ट को अंतिम समय में रोक दिया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद विवि ने मंगलवार की रात यह फैसला लिया। ऑनलाइन आवेदन के दौरान छात्रों ने जितने अंक भरे हैं उससे कहीं कम अंक उन्हें आया है। मेरिटलिस्ट को विवि की ओर से वेबसाइट पर अपलोड करने के ठीक पहले यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर की रैंडम जांच में यह मामला पकड़ आया है। अब फर्स्ट मेरिट लिस्ट में आये तमाम छात्रों का एक-एक कर वेरिफिकेशन शुरू हो गया है। पूरी जांच के बाद नई मेरिटलिस्ट तैयार की जाएगी।
यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर डॉ. ललन झा ने कहा कि मंगलवार की रात मेरिटलिस्ट अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान छात्रों के अंकों की रैंडम जांच शुरू की गई। अप्लाई के दौरान स्नातक के अंकपत्र की कॉपी भी अपलोड कराई गई थी। उन्होंने कहा कि जांच के नतीजे चौंकाने वाले थे। कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन अप्लाई में स्नातक में 80, 85 फीसदी अंक दिए थे। जब मार्क्सशीट से मिलान किया गया तो किसी का 55 तो किसी का 60 अंक पाया गया। ऐसे डेढ़ से दो दर्जन छात्रों के आवेदन में गड़बड़ी मिली है। इसके बाद मेरिटलिस्ट रोकने का निर्णय हुआ।
उन्होंने कहा कि 53 सौ सीटों के लिए फर्स्ट मेरिटलिस्ट में आए 4700 छात्रों के रिकॉर्ड को जांचा जा रहा है। जांच पूरी होने में दो से तीन दिन लग जाएगा। इसके बाद नई मेरिट लिस्ट तैयार कर जारी की जाएगी।
छह विषयों में कम आवेदन के कारण फर्स्ट लिस्ट में कम नाम
कोऑर्डिनेटर ने कहा कि दर्शनशास्त्र, संस्कृत, मैथिली, उर्दू, परसियन, बंगला विषयों में सीट से काफी कम आवेदन आए थे। इसके कारण 53 सौ सीटों में 47 सौ छात्रों का ही नाम मेरिट लिस्ट में काम आया है।
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