बीआरएबीयू : महज कागजी नौकरी दिला पाया प्लेसमेंट सेल
मुजफ्फरपुर के बीआरएबीयू ने छात्रों को ब्रिटेन के बोस्टन में नौकरी दिलाने का दावा किया था, लेकिन छात्र अपने देश में भी नौकरी नहीं पा सके। प्लेसमेंट सेल ने कई आयोजन किए, लेकिन छात्रों को ऑफर लेटर नहीं...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू ने अपने छात्रों को ब्रिटेन के बोस्टन शहर में नौकरी दिलाने का दावा किया था, लेकिन विवि के छात्र अपने देश में भी नौकरी नहीं पा सके। बीआरएबीयू ने छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने के लिए बड़े जोर शोर से प्लेसमेंट सेल का गठन किया था। प्लेसमेंट सेल ने बीते साल मई-जून में छात्रों को नौकरी दिलाने के लिए कई आयोजन किये। प्लेसमेंट सेल के प्रभारी फिजिक्स विभाग के अध्यक्ष थे। उन्होंने अपने विभाग में कंपनियों को बुलाकर छात्रों से प्लेसमेंट के लिए कार्यक्रम कराया, लेकिन प्लेसमेंट के लिए यह गेट टूगेटर सिर्फ भाषणों तक ही सीमित रहा। छात्रों को नौकरी नहीं मिल सकी। एक कार्यक्रम में ब्रिटेन के बोस्टन की एक कंपनी की बिहार प्रभारी भी आई थी। विवि प्रशासन और प्लेसमेंट सेल ने छात्रों को बोस्टन में नौकरी की बात बताई, लेकिन वह बात फुस्स हो गई।
चार छात्रों को चयन के बाद भी नहीं मिला ऑफर लेटर
कॉमर्स विषय के चार छात्रों ने बताया कि प्लेसमेंट सेल के तहत आई कंपनियों ने उनका चयन भी किया, लेकिन उन्हें ऑफर लेटर नहीं दिया गया। ऑफर लेटर के लिए वह इंतजार करते रह गये। छात्रों ने बताया कि उन्होंने खुद की मेहनत से कहीं दूसरी जगह नौकरी पा ली। विवि प्लेसमेंट सेल के भरोसे रहते तो यह नौकरी भी नहीं मिल पाती और हम घर बैठे ही रह जाते।
टीसीएस के आने का दावा, पर नहीं आई
बीआरएबीयू प्लेसमेंट सेल ने विवि में टीसीएस के आने का भी दावा किया। सेल का कहना था कि टीसीएस छात्रों को ट्रेनिंग देगी और उसके बाद उनकी क्षमता के हिसाब से उनका चयन करेगी। सितंबर महीने में ही विवि प्रशासन ने कहा था कि टीसीएस कंपनी आने वाली है, लेकिन अबतक वह नहीं आई है। टीसीएस ने विवि में आने का एक पत्र भी भेजा था।
कॉलेजों से मांगी गई थी विद्यार्थियों की सूची
प्लेसमेंट सेल ने विद्यार्थियों को नौकरी दिलाने के लिए कॉलेजों से छात्र-छात्राओं की सूची मांगी थी, लेकिन उन विद्यार्थियों को नौकरी मिली या नहीं इसकी सूचना कॉलेजों को नहीं दी गई। आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य प्रो. ममता रानी ने बताया कि उन्होंने भी छात्राओं की सूची भेजी थी, लेकिन उसके बाद क्या प्रक्रिया हुई, इसकी सूचना नहीं आई है। नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मनोज कुमार ने भी कहा कि प्लेसमेंट सेल के मांगने पर विद्यार्थियों की सूची भेजी गई थी, लेकिन उसके आगे क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है।
बयान :
प्लेसमेंट सेल की तरफ से आठ विद्यार्थियों का चयन कंपनियों में कराया गया था, लेकिन जब कंपनियों की तरफ से छात्रों को ऑफर लेटर के लिए फोन गया तो उन्होंने फोन ही रीसिव नहीं किया। तीन छात्रों की बहाली गुजरात की एक कंपनी में हुई है।
प्रो. ललन कुमार झा, प्लेसमेंट सेल प्रभारी, बीआरएबीयू।
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