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एडमिशन एप में एक साल पहले के सत्र में दाखिला

मुजफ्फरपुर में बीआरएबीयू के एडमिशन एप ने पिछले साल के सत्र में छात्रों का आवेदन लेने में असफलता दिखाई है। छात्रों को घर बैठे आवेदन करने के लिए एप लॉन्च किया गया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 21 April 2025 05:42 PM
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एडमिशन एप में एक साल पहले के सत्र में दाखिला

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू के एडमिशन एप में एक साल पहले के सत्र में छात्रों का आवेदन लिया जा रहा है। एडमिशन एप पर पुराने सत्र 2024-25 में आवेदन का विकल्प छात्रों का दिख रहा है। पिछले साल लाखों खर्च कर एडमिशन एप बिहार विवि ने बनाया था, लेकिन छात्रों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।

छात्र घर बैठे आवेदन कर सकें, इसलिए इस एप को लांच किया गया था। डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि इस बारे में वह एडमिशन सेक्शन से पता करेंगे। विवि में हर साल दो लाख छात्र स्नातक में एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं। पीजी में भी 90 हजार छात्र दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। इस वर्ष पीजी में दाखिले के लिए 82 हजार छात्रों ने आवेदन किया था, लेकिन दाखिले के लिए भी एप ने काम नहीं किया।

साइबर कैफे से आवेदन करने में होती है गड़बड़ी

स्नातक और पीजी में दाखिले के लिए आवेदन छात्र साइबर कैफे से करते हैं। कैफे से आवेदन करने में छात्रों के नाम, लिंग और पते में गड़बड़ी सामने आती है। इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए बीआरएबीयू प्रशासन ने एप लांच किया था। इसबार भी पीजी में दाखिले के समय कई छात्रों के नाम और कोटि में गड़बड़ी सामने आई थी। पीजी के आवेदन में एप नहीं काम करने की वजह से छात्रों ने साइबर कैफे से ही आवेदन किया था।

स्नातक में दाखिले के लिए शुरू है आवेदन

विवि में स्नातक में दाखिले के लिए आवेदन शुरू है। आवेदन 15 मई तक होगा। आवेदन में भी कई गड़बड़ी सामने आई है। कई कॉलेजों ने शिकायत की है कि आवेदन पोर्टल पर उनके कॉलेज के कुछ विषय नहीं दिख रहे हैं। कॉलेजों से शिकायत आने के बाद विवि प्रशासन इसे ठीक कराने में जुट गया है।

परीक्षा विभाग का एप भी नहीं चला

बीआरएबीयू में दाखिले के साथ परीक्षा विभाग के लिए भी दो साल पहले एक एप तैयार किया गया था। इस एप का इस्तेमाल कॉलेजों से इंटरनल के अंक मंगाने के लिए किया जाना था, लेकिन एप बनने के बाद इसका आजतक इस्तेमाल नहीं किया गया। एप चलाने की ट्रेनिंग भी किसी कॉलेज के कर्मचारियों को नहीं दी गई।

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