ज्ञान प्रदान कर कल्याण का मार्ग प्रश्स्त करती भागवत कथा
बेरुआ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को राजा परीक्षित, राजा बलि एवं हरिश्चंद्र की कथा का प्रवचन हुआ। विश्व सेवा मिशन ट्रस्ट...
बेरुआ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को राजा परीक्षित, राजा बलि एवं हरिश्चंद्र की कथा का प्रवचन हुआ। विश्व सेवा मिशन ट्रस्ट वृंदावन के तत्वावधान में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा वाचक पवन देव ने धर्म के प्रति जिम्मेवारी एवं मानव कल्याण के बारे में समझाया। कहा कि श्रेष्ठ मानव वह है जो देना जानता है। राजा बलि, राजा हरिश्चंद्र, भगवान श्री राम और ऐसे अनेक राजाओं ने देना सिखाया है। यहां तक कि पृथ्वी की रक्षा के लिए दधीचि ऋषि ने धन ही नहीं अपनी अस्थियां भी दान कर दी थी।
उन्होंने कहा कि दधीचि ऋषि मरे नहीं वह हमेशा के लिए अमर हो गए। आज भी हम सबके बीच विराजमान हैं और श्रद्धा के पात्र हैं। रावण के पास सोने का महल था, छोड़ गया, आज तक जलाया जा रहा है, जो देकर नहीं जाता उसे छोड़कर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जो जीव सात दिन में संपूर्ण भागवत कथा श्रवण करता है उसे अवश्य ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान प्रदान कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं, किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और ना ही बदले जा सकते हैं।
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