ग्रामीण डाक सेवक विभाग की रीढ़, मिले सुविधाएं
कोरोना के दौरान रेल व हवाई सेवा समेत कई जरूरी कार्यों पर रोक लगा दी गई, जबकि ग्रामीण डाक सेवकों ने अपनी ड्यूटी पूरी कर्मठता के साथ की। ग्रामीण डाक सेवकों ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे जरूरतमंदों तक रुपये...
कोरोना के दौरान रेल व हवाई सेवा समेत कई जरूरी कार्यों पर रोक लगा दी गई, जबकि ग्रामीण डाक सेवकों ने अपनी ड्यूटी पूरी कर्मठता के साथ की। ग्रामीण डाक सेवकों ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे जरूरतमंदों तक रुपये पहुंचाए। आधार आधारित भुगतान से बड़ी संख्या में लोगों को वित्तीय रूप से सशक्त किया गया। ये बातें राष्ट्रीय ग्रामीण डाक सेवक संघ की ओर से कंपनीबाग स्थित प्रधान डाकघर में रविवार को आयोजित अधिवेशन में बिहार परिमंडल के सचिव चुन्नू कुमार ने कही।
संघ की मुजफ्फरपुर शाखा के प्रथम अधिवेशन में उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों का कई स्तर पर शोषण व दोहन किया जा रहा है। उन्हें पूर्ण डाक कर्मियों का दर्जा तक नहीं दिया गया। राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ (डाकिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि लंबी कवायद के बाद मुजफ्फरपुर में ग्रामीण डाक सेवक संघ की स्थापना हुई है। डाक कर्मचारी संघ (वर्ग तीन) के क्षेत्रीय सचिव प्रेरित कुमार ने कहा कि ग्रामीण डाक सेवक डाक विभाग की रीढ़ हैं। उनके माध्यम से विभाग की तमाम योजनाएं जमीन पर उतरती हैं। इसके बावजूद उन्हें मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगाई जा रही है। डीए बढ़ोतरी पर रोक गलत है।
धीरज बने अध्यक्ष, शिवशक्ति सचिव
राष्ट्रीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के प्रथम अधिवेशन में अधिकारियों व सदस्यों का मनोनयन किया गया। धीरज कुमार अध्यक्ष, संजय कुमार, रंजन कुमार, मनोज कुमार व रामलायक भक्त उपाध्यक्ष, शिवशक्ति सचिव, अविनाश कुमार कोषाध्यक्ष, आलोक रंजन संगठन सचिव, अमिताभ रंजन अंकेक्षक व अजय कुमार पांडेय समेत चार कर्मियों को उप सचिव बनाया गया। मंच संचालन कुंदन कुमार व धन्यवाद ज्ञापन रंजन कुमार ने किया।
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