कुलपति बनाने का ड्राफ्ट शिक्षा विरोधी : एआईडीएसओ
मुजफ्फरपुर में एआईडीएसओ ने यूजीसी के नए ड्राफ्ट का विरोध किया है, जिसमें प्रोफेसर और कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पेशेवर अनुभव को प्राथमिकता दी गई है। महासचिव शिवाशीष प्रहराज ने इसे शिक्षा विरोधी और...
मुजफ्फरपुर। एआईडीएसओ ने यूजीसी की तरफ से प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और पेशेवर लोगों को कुलपति बनाने के ड्राफ्ट का विरोध किया है। संगठन ने कहा है कि यह शिक्षा विरोधी है। संगठन के महासचिव शिवाशीष प्रहराज ने कहा कि हाल ही में लाया गया यूजीसी ड्राफ्ट शिक्षा व समाज विरोधी और गैर लोकतांत्रिक है। यह एन.ई.पी. 2020 का ही क्रियान्वयन है। एक तरफ यह ड्राफ्ट शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार को विश्वविद्यालयों से छीनकर केन्द्रीयकृत करने का प्रस्ताव रख रहा है, साथ ही 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' के प्रावधान द्वारा केवल पेशेवर अनुभव के आधार पर प्रोफेसर नियुक्त करने का सुझाव भी दे रहा है। इसी प्रकार कुलपतियों के चयन के मामले में भी किसी उद्योग या लोक सेवा से संबंधित व्यक्ति को योग्य घोषित किया जा रहा है। हमें इसमें कोई शंका नहीं है कि यह प्रावाधान सत्तासीन पार्टी द्वारा अपने राजनैतिक व वैचारिक समर्थकों को विश्वविद्यालयों में बेरोकटोक प्रवेश करवाने की कोशिश है। इस ड्राफ्ट के प्रावधानों से शिक्षा के गुणवत्ता में गिरावट आएगी।
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