87 फीसदी प्रसूताओं के नाम पोर्टल पर नहीं, प्रोत्साहन राशि से होंगी वंचित
मुजफ्फरपुर में 87 प्रतिशत प्रसूताओं के नाम स्वास्थ्य विभाग के ई जननी पोर्टल पर नहीं हैं। इससे उन्हें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की राशि नहीं मिलेगी। केवल 13 प्रतिशत प्रसूताओं के नाम पोर्टल पर हैं।...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददता। सूबे में 87 प्रतिशत प्रसूताओं के नाम स्वास्थ्य विभाग के ई जननी पोर्टल पर नहीं चढ़ाए गए हैं। इस कारण ये मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की राशि से वंचित हो जाएंगी। पोर्टल पर नाम चढ़ने के बाद ही कन्या उत्थान की राशि मिलती है। विभाग द्वारा पोर्टल की समीक्षा में यह बात सामने आई है।
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार सूबे में सिर्फ 13 प्रतिशत प्रसूताओं के नाम ही पोर्टल पर चढ़ाए गए हैं। मुजफ्फरपुर में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत ही है। स्वास्थ्य विभाग की एक अप्रैल से 16 दिसंबर तक की समीक्षा में पोर्टल पर प्रसूताओं के नाम नहीं चढ़ने खुलासा हुआ है। विभाग ने इस अवधि में सभी जिलों की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके पांडेय ने बताया कि पोर्टल पर सभी प्रसूताओं के नाम चढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
बच्ची के संपूर्ण टीकाकरण पर मां को मिलते हैं दो हजार:
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में बच्ची के जन्म और उसके संपूर्ण टीकाकरण पर मां को दो हजार रुपये मिलते हैं। बच्ची के जन्म के तुरंत बाद लाभार्थियों के नाम पोर्टल पर चढ़ाने की जिम्मेदारी अस्पतालों की होती है। अस्पतालों की लापरवाही से लाभार्थियों के नाम पोर्टल पर नहीं चढ़ाए जा रहे हैं। इससे उन्हें प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ेगा।
लाभार्थियों का नहीं हो रहा सत्यापन :
कन्या उत्थान योजना के तहत लाभार्थियों का सत्यापन भी करना है। आधार कार्ड से सत्यापन के बाद ही उनके खाते में राशि जाती है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि मुजफ्फरपुर सहित पूरे राज्य में बड़ी संख्या में लाभार्थियों का सत्यापन नहीं हुआ है। इससे उनके खाते में राशि नहीं भेजी जा रही है।
हर साल पीछे रहती है योजना :
स्वास्थ्य विभाग की कन्या उत्थान योजना हर साल लाभार्थियों को लाभ दिलाने में पीछे रहती है। पिछले वर्ष यानी नवंबर 2023 तक सूबे की 30 हजार लाभार्थियों को कन्या उत्थान की राशि नहीं मिली थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस दौरान भी सदर अस्पताल और पीएचसी की लापरवाही सामने आई थी। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान के तहत लाभार्थियों को राशि के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दो हजार की राशि के लिए कई महीने चक्कर काटना पड़ता है।
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