हर दिन फूंक रहे 3500 का डीजल, कक्षाएं भी हो रही प्रभावित
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में रोशनी के लिए हर दिन साढ़े तीन हजार का डीजल फूंका जा रहा है। बकाये बिजली बिल का भुगतान न होने पर एनबीपीडीसीएल की ओर...
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में रोशनी के लिए हर दिन साढ़े तीन हजार का डीजल फूंका जा रहा है। बकाये बिजली बिल का भुगतान न होने पर एनबीपीडीसीएल की ओर कनेक्शन काटने के बाद विवि का खर्च कई गुना बढ़ गया है। जेनरेट चलाने के लिए करीब 45 लीटर डीजल का इस्तेमाल हो रहा है। प्रशासनिक भवन से पीजी विभागों और परीक्षा भवन तक में रोशनी के लिए विवि में चार बड़े जनरेटर पांच से छह घंटे चलाए जा रहे हैं।
इसके बाद भी पीजी विभागों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने लगी है। जनरेटर को बीच में बंद करने या किसी टेक्नीकल कारण से बंद होने पर कक्षाओं में अंधेरा छा जा रहा है। इसे पढ़ाई बाधित हो रही है। विज्ञान विभागों में लैब भी बाधित हो रही है। एक पीजी विभागाध्यक्ष ने कहा कि अभी गर्मी नहीं आयी। हफ्ते दो हफ्ते में पंखा और एसी चलाना पड़ जाएगा। ऐसे में समस्या और बढ़ जाएगी। बिजली विभाग का विवि पर साढ़े चार करोड़ का बिली वर्ष 2013 से बकाया है। हालांकि, सिंडिकेट की बैठक में भुगतान का निर्णय हुआ है। लेकिन, हफ्ते भर में भुगतान होने की संभावना है। इधर, बिजली विभाग का कहना है कि बिल भुगतान के बाद बिजली चालू की जाएगी।
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