गरीब व मध्यम वर्ग की थाली से गायब हो रहीं हैं सब्जियां
कोरोना के कहर के बीच सब्जियों के दामों में बेतहाशा मूल्यवृद्धि ने गरीब एवं मध्यम वर्ग की थाली से सब्जियां गायब कर दी...
कोरोना के कहर के बीच सब्जियों के दामों में बेतहाशा मूल्यवृद्धि ने गरीब एवं मध्यम वर्ग की थाली से सब्जियां गायब कर दी हैं।
सब्जियों का राजा आलू भी अब इन वर्गों को दगा करने पा आतुर है। एक सप्ताह पहले जो आलू 20 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा था, अब 35 रुपए प्रतिकिलो तक जा पहुंचा है। वहीं बैंगन 60 रुपए, टमाटर 100 रुपए, परवल 40 रुपए, नेनुआ 25 रुपए, शिमला मिर्च 160 रुपए, पत्ता गोभी 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा हैं। वह भी उस स्थिति में जब लॉकडाउन के कारण सब्जियां बाहर नहीं जा पा रही हैं।
डीजल के दामों में वृद्धि ने भी डाला प्रभाव: सब्जियों के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि का कारण ज्यादातर लोग डीजल के दामों में हुई वृद्धि को मान रहे हैं। डीजल के दाम पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है। जिस कारण ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ गया है। ट्रांसपोर्ट के खर्चे में हुई वृद्धि के कारण सभी प्रकार के सामान पहले की अपेक्षा महंगे हो गए हैं। बाहर से आने वाली सब्जियों पर ट्रांसपोर्ट का चार्ज बढ़ गया है।
सब्जियों का दर्शन भी काफी हो गया दुर्लभ: महंगाई की इस कदर मार पड़ी है की आलू भी अब लोगों के किचन से काफी कम दिखने लगी है। इधर, व्यापारियों के द्वारा बताया जाता है कि पिछले एक पखवारे से भी ज्यादा दिनों से जिले भर में आलू के आवक में काफी कमी आ गई है। जिस कारण दामों में इजाफा हुआ है। बाढ़ के साथ ही बारिश शुरु होने के साथ ही जिले में सब्जियों के दाम में अचानक बढ़ोतरी हुई है। लॉकडाउन में सब्जियों के दामों में वृद्धि होने से लोगोंको काफी परेशानी हो रही है। निम्न आय और गरीब वर्ग के लोगों के खाने के थाली से हरी सब्जी गायब हो गयी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।