ऋषिकुंड के गर्म जल में स्नान को उमड़ने लगे सैलानी
बड़े दिन (25 दिसंबर) के मौके पर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच गर्म जल के लिए प्रसिद्ध ऋषिकुंड में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। पिकनिक मनाने वालों की तादाद भी अच्छी खासी थी। दर्जनों लोग ऋषिकुंड में डुबकी लगाते...
बड़े दिन (25 दिसंबर) के मौके पर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच गर्म जल के लिए प्रसिद्ध ऋषिकुंड में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। पिकनिक मनाने वालों की तादाद भी अच्छी खासी थी। दर्जनों लोग ऋषिकुंड में डुबकी लगाते दिखे।
31 दिसंबर और एक जनवरी को भी यहां काफी सैलानी आते हैं। गौरतलब है कि पहाड़ की तराई से साल भर निकलने वाले ऋषिकुंड के गर्म जल से न सिर्फ लोग स्नान करते हैं, बल्कि इसका सेवन कर खुद को स्वस्थ भी रखते हैं। उधर, बड़ा दिन पर दर्जनों सैलानियों के आने की संभावना के बाद भी यहां सुरक्षा व्यवस्था नदारद रही।
ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहरों में से एक : मुंगेर के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है ये ऋषिकुंड। जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर खड़गपुर प्रखंड में स्थित ऋषिकुंड गर्मजल के लिए प्रसिद्ध है। भू-गर्भ में गंधक की मात्रा अधिक होने के कारण 24 घंटे गर्मजल की धारा प्रवाहित होती है। जहां से जल प्रवाहित हो रही है उसके पास ही एक तालाब है, जिसे ऋषिकुंड कहा जाता है।
क्या है मान्यता : ऐसी मान्यता है कि ऋषि विभांडक का यहां आश्रम था। ऋषि विभांडक के आश्रम के कारण ही यह जगह ऋषिकुंड के नाम से विख्यात हुआ। गर्म जल में स्नान करने व उसके सेवन से पेट रोग, चर्म रोग से लोगों को मुक्ति मिलती है।
लगता है मलमास मेला : प्रत्येक तीन वर्ष में यहां मलमास मेला भी लगता है। सरकारी उपेक्षा के कारण इस जगह को अन्य पर्यटक स्थलों की तरह महत्व नहीं मिला।
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