डीजे के शोर में गुम हुई बैंड व शहनाई की आवाज
हवेली खड़गपुर में शादी समारोहों में डीजे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पारंपरिक वाद्य यंत्रों जैसे बैंड और शहनाई का उपयोग कम होता जा रहा है। डीजे की तेज आवाज से न केवल पारंपरिक संगीतकारों के...
हवेली खड़गपुर। शादी समारोह के दौरान डीजे का प्रचलन इस कदर बढ़ गया है कि इसकी कानफाडू आवाज के बीच बैंड और शादियों के दौरान बजने वाले पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सुमधुर धुन अब धीरे धीरे खत्म होने के कगार पर है। बैंड, बैंजो, शहनाई सहित अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाने वाले कई लोग अब बेकार हो गए हैं। शादियों में डीजे की बढ़ते प्रचलन की वजह से इनके रोजगार छीन गए है। डीजे के कानफाडू आवाज तो अब लोगों को भी परेशान ही नहीं कर रहा बल्कि अब बीमार भी कर रहा है। दिल के मरीजों के लिए डीजे की करकस और तेज आवाज जहां बड़ी मुसीबत बन गया है वहीं जानकार बताते है कि इसके शोर से बहरापन की समस्या बढ़ सकता है। लिहाजा शादियों और उत्सवों में डीजे के शोर न केवल पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाने वालों के रोजगार छीन रहा है बल्कि इसके शोर से लोगों पर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। आज से लगभग दस वर्ष पूर्व बैंड बाजा और रंगबिरंगी झालर, किला और बत्तियों के साथ शादियों में बाराती नाचते थिरकते हुए अनुशासित और सभ्य सामाजिक परंपरा का पालन करते हुए दुल्हन की घर तक पहुंचते थे। शादियों के मौसम में बैंड वालों की बड़ी डिमांड हुआ करता था। उन्हें पल भर का भी समय नहीं होता था। लेकिन गुजरते वक्त के साथ अब डीजे ने शादी समारोह और उत्सवों में अपनी पकड़ मजबूत कर किया है। जिसका परिणाम है कि अब शादियों में बैंड, बैंजो और शहनाई का स्थान तेज तर्रार डीजे ने ले लिया है। बैंड बाजा में शामिल लोग अब मैय्यत में बाजा बजाते है। वर्तमान समय में डीजे की धुन पर डांस करने का
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