72 घंटों के अंदर विपक्षी नेता पर रेल प्रशासन लें एक्शन, अन्यथा होगा चारणबद्ध आंदोलन: सलाहकार समिति सदस्य
जमालपुर में रेलवे ने लगभग चार दशकों के बाद अवैध कब्जेधारियों और जानवर खलाट संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है। जानवर संचालक विरोधी नेताओं के पास शरण ले रहे हैं। रेलवे प्रशासन ने 72 घंटे का अल्टीमेटम...

जमालपुर। निज प्रतिनिधि करीब चार दशकों के बाद रेलवे की जमीन से अवैध कब्जेधारियों व जानवर खलाट संचालकों के विरुद्ध रेल प्रशासन एवं आरपीएफ ने सख्त कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से बौखलाए जानवर संचालक अब विपक्षी नेताओं के शरण में चले गए हैं। ताकि विपक्षी नेताओं को दूध, दही और मेवा मिलता रहे और रेल प्रशासन के विरोध में आंदोलन चलाकर शहरवासियों सहित पुलिस-प्रशासन को गुमराह कर सके। इसलिए ऐसे व्यक्ति विशेष विपक्षी नेताओं पर रेल प्रशासन सख्त एक्शन लें, अन्यथा 72 घंटों के बाद आंदोलन की शुरूआत कर दी जाएगी। यह बातें गुरुवार को जमालपुर स्टेशन का निरीक्षण के दौरान पूर्व रेलवे मालदा मंडल के रेलवे सलाहकार समिति सदस्यों ने प्रेस वार्ता कर कही है।
सदस्यों में भाजपा मंडल अध्यक्ष चंद्रचूड़ साक्षी, भाजपा नगर अध्यक्ष शंकर सिंह, अध्यक्ष वीरेंद्र भुट्टो एवं स्वामी शामिल थे। मौके पर साक्षी ने कहा कि शहर के चार रेलवे कॉलोनियों में आरपीएफ और रेल प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान कई जर्जर क्वार्टरों को भी ध्वस्त प्रक्रिया जारी है। वहीं बीते 40 वर्षों से विपक्षी नेता एवं उनके भाइयों द्वारा टेंपरेरी हाट कॉलोनी रामपुर में अवैध खटाल का संचालन किया जा रहा है। अब अतिक्रमण हटाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है, तो विपक्षी नेतागण संचालकों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शंकर सिंह, वीरेंद्र भुट्टो व स्वामी ने संयुक्त रूप से कहा रेलवे की जमीन पर अवैध खटाल चलवा कर उनका संरक्षण कर अवैध रुपए का उगाही करने वाले नेता आज रेलवे को आंख दिखा रहे हैं। ऐसे में उनलोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने रेल प्रशासन को 72 घंटों का अल्टीमेटम दिया है। अन्यथा आंदोलन की धमकी दी है। इधर, सलाहकार समिति सदस्यों ने जमालपुर एसएस संजय कुमार के साथ बैठक की, तथा जमालपुर स्टेशन की साफ सफाई सहित अन्य विन्दुओं पर चर्चा की। इधर, सलाहकार समिति सदस्यों ने जमालपुर स्टेशन के क्रू लॉबी परिसर में निर्माणाधीन सड़क में बरती जा रही अनियमिमता पर बसरे, तथा कहा कि संवेदक को इस्टीमेट के मुताबिक कार्य करना चाहिए। अगर इस्टीमेट के अनुसार कार्य नहीं किया गया तो इसकी शिकायत रेलवे के वरीय अधिकारियों से की जाएगी।
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