एक्स-रे और सीटी स्कैन के रेडिएशन से जानलेवा बीमारी का खतरा एक्स-रे और सीटी स्कैन के रेडिएशन से जानलेवा बीमारी का खतरा
मुंगेर के सदर अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे और सीटी स्कैन के दौरान रेडिएशन के खतरे बढ़ते जा रहे हैं। तकनीशियन सुरक्षा किट का उपयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे कैंसर और हार्ट फेल्योर जैसी...

मनोज कुमार मुंगेर, निज संवाददाता । सदर अस्पताल सहित बरियारपुर और असरगंज छोड़कर सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी व सीएचसी में मरीजों के लिए एक्स-रे की सुविधा है। इसके अलावा समूचे जिले में 200 से अधिक प्राइवेट एक्स-रे जांच घर है। सदर अस्पताल के अलावा जिले में कई प्राइवेट सिटी स्कैन सेंटर भी है। एक्स-रे और सिटी स्कैन के दौरान निकलने वाला रेडिएशन से कैंसर , हार्ट फेल्योर सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारी का कारण बनता है। रेडिएशन से बचाव के लिए सभी एक्स-रे कक्ष की दीवार को लेडप्रूफ करने का प्रावधान है। इसके अलावा रेडिएशन से बचाव के लिए तकनीशियन को लेड कान्टेन्ट युक्त जैकेट (सुरक्षा कीट) पहन कर तथा लेड गार्ड के पीछे खड़े होकर एक्स-रे करने का नियम है। सदर अस्पताल स्थित एक्सरे कक्ष में लेड गार्ड और सुरक्षा जैकेट भी है। बावजूद तकनीशियन बिना लेड कान्टेन्ट युक्त जैकेट पहने मरीजों का एक्सरे करते देखे जाते हैं। सिर्फ सदर अस्पताल ही नहीं प्राइवेट एक्सरे केन्द्र में भी तकनीशियन बिना सुरक्षा कीट के ही मरीज का एक्सरे करते हैं। ऐसे में मरीजों का एक्सरे करने वाले तकनीशियन रेडिएशन की चपेट में आकर कैंसर, हर्ट फेल्योर, ब्लड कैंसर, जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। हद तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी एक्सरे और सीटी स्कैन के रेडिएशन की जांच नहीं कराई जाती।
गर्भवती महिलाओं के लिए रेडिएशन खतरनाक:
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. कुमार अनुराग बताते हैं कि एक्स-रे और सीटी स्कैन का रेडिएशन काफी खतरनाक होता है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए रेडिएशन काफी खतरनाक है। रेडिएशन से गर्भपात का भी खतरा हो सकता है। जबकि सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कक्ष के समीप अधिकांश गर्भवती महिलाएं जांच कराने के लिए कतारबद्ध रहती है। अल्ट्रासाउंड कक्ष के पास ही सीटी स्कैन और एक्सरे कक्ष स्थित है। सीटी स्कैन और एक्सरे कक्ष की दीवार भी लेड प्रूफ नहीं है। ऐसे में एक्सरे और सीटी स्कैन का रेडिएशन बाहर कतारबद्ध गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है।
सेफ्टी किट के बिना लगातार एक्स-रे व सीटी स्कैन करना खतरनाक:
एक्स-रे मशीन और सीटी स्कैन से निकलने वाला रेडिएशन काफी खतरनाक होता है। रेडिएशन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के अलावा, आंख की रौशनी चले जाना, हर्ट संबंधी समस्या, लंग्स कैंसर, स्किन डिजिज, किडनी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। बिना सुरक्षा किट (लेड कान्टेन्ट युक्त जैकेट) और लेडशीट तथा लेडगार्ड के चार से पांच साल तक लगातार एक्सरे और सीटी स्कैन करने वाले तकनीशियन रेडिएशन की चपेट में आकर इन बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इसका रेडिएशन इतना हानिकारक होता है कि एक्सरे और सीटी स्कैन कक्ष में मौजूद लोगों को भी यह प्रभावित करता है। इसलिए रेडिएशन से बचाव के लिए एक्सरे और सीटी स्कैन रूम में लेड शीट और लेड गार्ड लगाने के साथ दीवार को भी लेड प्रूफ करने का प्रावधान है। प्रावधान की अनदेखी कर तकनीशियन द्वारा एक्सरे और सीटी स्कैन किया जाना उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
बोले सिविल सर्जन
रेडिएशन से बचाव के लिए सभी केन्द्र में एक्स-रे और सीटी स्कैन मानक के अनुरूप सेफ्टी का अनुपालन करते हुए करना है। शीघ्र ही टीम गठित कर संस्थाओं द्वारा एक्सरे और सीटी स्कैन में रेडिएशन से बचाव के लिए किए गए उपाय की जांच कराई जाएगी।
डा. विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन, मुंगेर।
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