Hindi Newsबिहार न्यूज़मुंगेरMunger University Struggles with Sports Facilities Despite Talented Athletes

मुंविवि के पास नहीं है अपने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की समुचित सुविधा

पर रहा संसाधनों की कमी के कारण खेल प्रतिभाएं हो रहीं कुंद यहां के विद्यार्थियों में खेल प्रतिभाओं की नहीं है कोई कमी यहां के विद्यार्थी विभिन्न खेलों

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरThu, 31 Oct 2024 12:54 AM
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मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 6 वर्ष बीतने के बाद भी खेल संबंधी संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। जबकि, इसके अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज वर्षों पुराने होने के बाद भी आज खेल संबंधी सुविधाओं के मामले में काफी पिछड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय के साथ-साथ इसके कॉलेजों में भी अच्छे मैदान एवं इंडोर खेल सुविधाओं का सर्वथा अभाव है। ऐसे में मुंगेर विवि एवं इसके कॉलेज में खेल से संबंधित आवश्यक आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं की कमी के कारण यहां की खेल प्रतिभाएं कुंद हो रही हैं। बड़ी बात है कि मुंगेर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों के विद्यार्थियों में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यही कारण है कि, पिछले दिनों राजभवन द्वारा पहली बार आयोजित की गई चांसलर ट्रॉफी में विश्वविद्यालय अपने खिलाड़ियों के दम पर तीसरे स्थान पर रहकर ट्रॉफी प्राप्त किया और इतिहास में विश्वविद्यालय का नाम दर्ज कराया। इस सफलता का श्रेय खिलाड़ियों के साथ-साथ वर्तमान क्रीड़ा सचिव डॉ ओमप्रकाश एवं सहायक गुंजेश कुमार सिंह का खिलाड़ियों को सुविधा उपलब्ध कराने तथा खेलकूद को बढ़ावा देने के प्रयास को भी जाता है। जबकि, कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर एवं डीएसडब्ल्यू डॉ बीसी पांडेय का भी इसमें महत्वपूर्ण सहयोग रहा। वहीं, इस उपलब्धि के द्वारा खेल सुविधाओं के अभाव में भी खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा से विभिन्न खेलों में उम्मीद दिखाई है। यदि यहां के खिलाड़ियों को सुविधा दी जाए तो वह विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा के दम पर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित कर सकते हैं। लेकिन, यहां तो विश्वविद्यालय के पास अपने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने तक की समुचित सुविधा नहीं है। विश्वविद्यालय में फिलहाल खेल संबंधी सुविधाओं व्यापक सुधार की संभावना को कम ही नजर आती है। जबकि, कॉलेजों में खेल संबंधी सुविधाओं का विकास किया जा सकता है।

कॉलेज नहीं ले रहे हैं खेलकूद के कार्यक्रम में रुचि:

मुंगेर विवि के अधिकांश कॉलेज खेल के मामले में उदासीन नजर आते हैं। अधिकांश कॉलेजों में ना तो खेलकूद से संबंधित सुविधाएं हैं और ना ही वहां वार्षिक खेलकूद का आयोजन होता है। जबकि, खेलकूद का आयोजन करने के संबंध में विश्वविद्यालय से कॉलेजों को कई बार पत्र भेजा गया है। ऐसे में, कॉलेज से खेल प्रतिभाएं नहीं निकल पा रही हैं। केवल खेलकूद में विशेष रुचि रखने वाले छात्र- छात्राएं अपनी सुविधा के दम पर अभ्यास करते हैं और समय-समय पर अपने- अपने कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बचाने का काम करते हैं। वहीं, कॉलेज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिक इंटर कॉलेज टूर्नामेंट में केवल तात्कालिक रूप से ही टीम का चयन कर भाग लेती है। वर्ष के शेष समय कॉलेजों में किसी भी प्रकार के खेल से संबंधित गतिविधियां संचालित नहीं होती हैं।

खेल मद की राशि विश्वविद्यालय को समय पर नहीं देती है कॉलेज:

विश्वविद्यालय की स्थापना के 6 वर्ष बाद भी कई कॉलेजों ने खेल मद की विश्वविद्यालय को देय राशि नहीं दिया है। कई बार विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा कॉलेजों से खेल मद की बकाया राशि की मांग किए जाने के बाद पिछले दिनों कई कॉलेजों ने विश्वविद्यालय को उसके हिस्से की राशि भेजी है। जबकि, कई कॉलेजों ने अभी तक यह राशि विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया है। यानी, विश्वविद्यालय द्वारा मांग किए जाने के बावजूद कोई भी कॉलेज विश्वविद्यालय को समय पर खेल मद की राशि नहीं देती है। ऐसे में विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों को समय पर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात सोचना तो बेमानी ही होगी।

कहते हैं अधिकारी:

मुंगेर विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। यदि इन्हें सुविधाएं प्रदान की जाए तो निश्चित रूप से यह खेल के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ेंगे। लेकिन, विश्वविद्यालय के पास फिलहाल विभिन्न संसाधनों का पूरी तरह से अभाव है। कॉलेजों द्वारा भी समय पर विश्वविद्यालय को खेल मद में विश्वविद्यालय की हिस्सेदारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। अभी भी 5 से 7 कॉलेजों के पास राशि बकाया है। यदि सभी कॉलेज समय पर विश्वविद्यालय को खेल मद की राशि उपलब्ध करा दें तो कम- से- कम खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं दी जा सकती हैं। वहीं, सभी कॉलेजों में भी खेलकूद की गतिविधियां संचालित होनी चाहिए, जो कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्देशित किए जाने के बावजूद नहीं हो रही हैं। कॉलेज स्तर पर भी सुविधाएं विकसित की जाए और लगातार खेलकूद की गतिविधियां संचालित की जाए तो यहां की प्रतिभाएं निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगी और विश्वविद्यालय तथा अपने कॉलेज की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम करेंगी।

-- डॉ ओमप्रकाश, क्रीड़ा सचिव, मुंगेर

विश्वविद्यालय, मुंगेर

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