मुंविवि में अबतक लटका है सीनेट का चुनाव
मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना को 7 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब तक सीनेट चुनाव नहीं हो सका है। शिक्षक और कर्मचारी चुनाव की मांग कर रहे हैं। नए कुलपति के कार्यभार संभालने के बाद भी चुनाव की प्रक्रिया...

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना को 7 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक एक बार भी सीनेट चुनाव नहीं हो सका है। विश्वविद्यालय में शिक्षक, कर्मचारी और छात्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने वाली इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया की लगातार अनदेखी से न केवल विश्वविद्यालय की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है, बल्कि इससे शिक्षा जगत से जुड़े हितधारकों के बीच असंतोष भी गहराता जा रहा है।
विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी पूछ रहे हैं कि, आखिर मुंगेर विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव का बिल्कुल कब बजेगा? उनका कहना है कि, नए कुलपति के कार्यभार संभाले भी लगभग 4 महीने बीत चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव को लेकर अभी तक कोई हलचल शुरू नहीं हुआ है। इस मामले में विश्वविद्यालय में अभी तक पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है। उनका कहना है कि, सीनेट चुनाव की कई बार मांग की जाती रही है, लेकिन हर बार किसी- न- किसी बहाने चुनाव टालाला जाता रहा है। उन्हें लगता है कि, विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव को लेकर उदासीन है। विश्वविद्यालय की उदासीनता के कारण यदि सीनेट चुनाव कराने में देर हुआ तो, कहीं इस बार भी आगामी विधानसभा चुनाव के आचार संहिता एवं सुरक्षा की आड़ में सीनेट चुनाव टल ना जाए।
ज्ञात हो कि, विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सीनेट की कुल 12 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित हैं। लेकिन, पिछले दो अवसरों पर किसी-न-किसी कारणवश यह चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इससे विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बीच असंतोष एवं झोभ व्याप्त है। समन्वय समिति के सहसंयोजक प्रो हरिश्चंद्र शाही ने सीनेट चुनाव में हो रही इस देरी को विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने कहा है कि, विश्वविद्यालय में सीनेट जैसे महत्वपूर्ण निकाय का चुनाव न होना शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत घातक है। इससे शिक्षकों और कर्मचारियों की आवाज को दरकिनार किया जा रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन में मनमानी प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि, नए कुलपति के आने एवं उनकी कार्यशैली से तथा कुलसचिव की मंशा से शिक्षकों एवं कर्मचारियों में जल्द ही सीनेट चुनाव होने की उम्मीद भी है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि, शीघ्र ही चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी और विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।
कहते हैं अधिकारी:
निश्चित रूप से विश्वविद्यालय में सीनेट शाहिद अन्य लोकतांत्रिक संस्थाओं का चुनाव कराया जाएगा। अभी तक विभिन्न कारणों से चुनाव को अस्तित्व किया गया है। अब विश्वविद्यालय को नया एवं नियमित कुलपति मिल गया है, जो प्राथमिकता निर्धारित कर विश्वविद्यालय की समस्याओं को सुलझा रहे हैं। अभी कुलपति पटना में हैं। उनके विश्वविद्यालय आने के बाद सीनेट चुनाव को लेकर उनसे विचार- विमर्श किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाया जाएगा। आशा है कि, कुलपति विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव शीघ्र ही कराने का निर्णय लेंगे और तत्संबंधी आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।
-कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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