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स्थापना के 6 साल बाद भी अबतक अधर में विवि जमीन खरीद का मामला

लीडहीं मिली है विभागीय अनुमति मुख्यालय से दूर जमीन अधिग्रहण को लेकर हो रहा है विरोध कहीं विरोध के कारण तो नहीं लटका है मामला मुंगेर, एक संवाददाता।

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरThu, 26 Dec 2024 12:32 AM
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मुंगेर, एक संवाददाता। स्थापना के 6 वर्षों बाद भी मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझ नहीं पाया है। विश्वविद्यालय के सुचारू रूप से संचालन और विस्तार के लिए जमीन की आवश्यकता को लेकर कई बार चर्चाएं हुईं और अधिग्रहण के प्रस्ताव भी आए, लेकिन ये बातें अभी तक जमीन पर उतर नहीं सकी हैं।

तीन महीने से प्रस्तावित है मामला:

वर्तमान में विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला बीते तीन महीने से प्रस्तावित है। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी ने बीते सितंबर माह में ही ह. खड़गपुर अंचल के बिरजपुर मौजा में विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन चिन्हित कर एवं जमीन के रैयतों से सहमति लेकर शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के पास जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा था। इस संबंध में कुलपति ने भी सितंबर महीने में ही शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को जल्द- से- जल्द जमीन अधिग्रहित करने के लिए पत्र लिखा था। इसके बावजूद, अब तक विभागीय अनुमति नहीं मिल सकी है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि, शिक्षा विभाग से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण यह प्रक्रिया लंबित है।

मुख्यालय से दूरी बन रही है बाधा:

जमीन अधिग्रहण को लेकर एक बड़ी समस्या यह भी है कि, प्रस्तावित स्थल मुख्यालय से काफी दूर है। स्थानीय लोगों, और छात्रों द्वारा मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर ह. खड़गपुर अंचल के विरजपुर मौजा में विश्वविद्यालय निर्माण का विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि, विश्वविद्यालय के लिए 120 एकड़ जमीन खरीद की जानी थी। लेकिन, इसके जगह पर मात्र 20 एकड़ जमीन की खरीद प्रस्तावित है, जो मुख्यालय से काफी दूर स्थित है। लोगों का कहना है कि, जब केवल 20 एकड़ जमीन ही अधिग्रहित करना था तो इसके लिए मुख्यालय से इतनी दूर जाने की क्या आवश्यकता थी। मेडिकल कॉलेज एवं वानिकी कॉलेज की तरह ही मुख्यालय के आसपास ही इतनी जमीन अधिग्रहित की जा सकती थी। लोगों का तो यहां तक करना है कि, प्रशासन यदि सही ढंग से सरकारी जमीन की खोज करती तो मुख्यालय के पास ही सदर अंचल क्षेत्र में ही अच्छी खासी जमीन उपलब्ध हो जाती और शेष का आवश्यकता अनुसार अधिग्रहण कर लिया जाता है। लेकिन, साल- दर- साल समय निकलता जा रहा है और अभी तक केवल इस विवि के लिए जमीन खरीद की चर्चा ही सुनाई दे रही है। ऐसे में लगता है कि, शिक्षा विभाग या तो विश्वविद्यालय के लिए जमीन की खरीद में कोई रुचि नहीं ले रहा है अथवा लोगों का विरोध मामले को प्रभावित कर रहा है। कहीं, इसी विरोध के कारण तो मामला अभी तक लटका हुआ नहीं है।

समस्या का समाधान कब:

मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण का लंबित मामला न केवल प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि छात्रों और कर्मचारियों के भविष्य को भी प्रभावित करता है। अब देखना यह होगा कि, यह मामला कब तक सुलझता है और विश्वविद्यालय को स्थायी आधारभूत संरचना कब मिल पाती है।

कहते हैं अधिकारी:

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के लिए आंशिक जमीन अधिग्रहण का एक प्रस्ताव जिला प्रशासन के द्वारा विभाग को भेजा गया है। लेकिन अभी तक विभागीय मंजूरी नहीं मिली है। विश्वविद्यालय द्वारा भी विभाग को पत्र भेजा गया है। जल्द- से- जल्द आवश्यकता के रूप संपूर्ण जमीन हमें मिले इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि, जल्द ही जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझेगा और विश्वविद्यालय के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण शुरू होगा।

-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर

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