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मुंगेर विवि को स्थापना की 6 वर्षों बाद भी नहीं है अपना प्रेस

मुंगेर विश्वविद्यालय के पास 6 वर्षों बाद भी अपना प्रेस नहीं है, जिसके कारण प्रमाण-पत्र और अन्य दस्तावेजों की छपाई बाहरी एजेंसियों से कराई जा रही है। इससे खर्च भी बढ़ रहा है और विद्यार्थियों को समय पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरWed, 4 Dec 2024 12:06 AM
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मुंगेर, रणजीत कुमार ठाकुर स्थापना के 6 वर्षों बाद भी मुंगेर विश्वविद्यालय के पास अपना प्रेस नहीं है। प्रेस के नहीं रहने से प्रमाण-पत्र, अंक-पत्र, विभिन्न तरह के रजिस्टर एवं अन्य दस्तावेजों की छपाई बाहरी एजेंसियों से करानी पड़ रही है। जबकि, बिहार के अन्य पारंपरिक विश्वविद्यालयों में से प्रायः सभी में अपना प्रेस है। ऐसे में, प्रेस के नहीं रहने से मुंगेर विश्वविद्यालय को जहां अनावश्यक आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है, वहीं विद्यार्थियों को समय पर प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इस संबंध में विश्वविद्यालय सूत्र का भी कहना है कि, प्रेस की स्थापना नहीं होने से छपाई का कार्य बाहरी एजेंसियों के माध्यम से कराया जाता है। इससे प्रक्रिया में देरी होती है और खर्च भी अधिक आता है। हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों के दस्तावेज तैयार करने में लगने वाले समय और पैसे की समस्या लगातार बनी रहती है। यदि विश्वविद्यालय के पास अपना प्रेस हो, तो न केवल खर्च कम होगा, बल्कि प्रक्रिया में तेजी भी आएगी। इससे विद्यार्थियों को समय पर आवश्यक दस्तावेज मिल सकेंगे और विश्वविद्यालय प्रशासन को बाहरी निर्भरता से भी मुक्ति मिलेगी।

गोपनीयता खतरे में:

यहां इससे भी बड़ी बात यह है कि, विश्वविद्यालय के पास अपना प्रेस नहीं रहने से अंक- पत्र एवं प्रमाण-पत्र पत्र को लेकर विश्वविद्यालय की गोपनीयता खतरे में है। बाहरी संस्थाओं से इनकी छपाई के कारण नकली प्रमाण-पत्र एवं अंक- पत्र बनाने का गोरखधंधा कभी भी शुरू हो सकता है। हालांकि, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ अमर कुमार का इस संबंध में कहना है कि, विश्वविद्यालय के प्रमाण-पत्रों का नकल नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, प्रमाण-पत्र में क्यूआर कोड के साथ-साथ अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। लेकिन, आज के तकनीक युग में इस तरह के दावे उचित नहीं हैं।

कहते हैं अधिकारी:

मुंगेर विश्वविद्यालय को अभी तक ना तो अपनी जमीन है ना ही अपना भवन है। ऐसे में, जगह के अभाव में प्रेस की स्थापना नहीं हो पा रही है। जैसे ही विश्वविद्यालय के पास अपना भवन होगा वैसे ही प्राथमिकता के आधार पर प्रेस की स्थापना की जाएगी, ताकि प्रमाण-पत्र संबंधी गोपनीयता खंडित ना हो और प्रमाण- पत्र तथा अन्य दस्तावेजों की छपाई में होने वाली अनावश्यक खर्च रुके तथा समय का भी बचत हो। प्रेस के स्थापित होने से विद्यार्थियों को भी समय पर प्रमाण पत्र मिल सकेगा।

-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर

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