मुंगेर विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में कर्मचारियों की भारी कमी, कार्यों पर पड़ रहा असर
मुंगेर विश्वविद्यालय और इसके कॉलेजों में कर्मचारियों की भारी कमी हो रही है। इससे कार्यभार बढ़ने के कारण समय पर काम नहीं हो पा रहा है। कुलपति के आदेशों का पालन भी मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों ने सरकार...
मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों में कर्मचारियों की भारी कमी है। कर्मचारियों की कमी से इसका असर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों पर पड़ रहा है। कर्मचारियों की कमी के कारण वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों पर कार्यभार बढ़ गया है। अत्यधिक कार्यभार से समय पर काम नहीं हो पा रहा है। इसके कारण विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के प्रशासनिक और कार्यालय गतिविधियों पर असर पड़ा है और कार्यों को निपटाने में विलंब हो रहा है। कुलपति के आदेश का पालन भी नहीं हो पा रहा: कर्मचारियों की कमी के कारण कुलपति के आदेशों का पालन करना भी मुश्किल हो गया है। 20 अगस्त को विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रभारी कुलपति ने किसी भी संचिका को तीन दिनों के अंदर निष्पादित करने का निर्देश जारी किया था। किंतु, विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि, कर्मचारियों की भारी कमी के चलते कार्यों का सही ढंग से संचालन कर पाना एवं निर्देशों का अनुपालन करना मुश्किल हो रहा है। यही स्थिति कॉलेजों की भी है।
कॉलेजों में आधी से भी कम रह गई है कर्मचारियों की संख्या: मुंगेर विश्वविद्यालय स्थापना के समय से ही कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है। अभी तक विश्वविद्यालय में कॉलेजों से प्रतिनियुक्त कर्मचारियों, एवं आउटसोर्सिंग कर्मियों के द्वारा काम चलाया जा रहा है। विश्वविद्यालय का अपना केवल एक ही कर्मचारी है। वहीं, इसके कॉलेजों में विश्वविद्यालय की स्थापना के पूर्व से ही कर्मचारियों की भारी कमी है। पूर्व में कब कर्मचारियों की बहाली हुई थी यह किसी को ठीक से याद नहीं है। वहीं, विश्वविद्यालय की स्थापना के समय इसके कॉलेजों में जो कर्मचारी थे वे एक-एक करके सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। कई कॉलेज ऐसे हैं जहां ना के बराबर कर्मचारी रह गये हैं। बीएनएम कॉलेज, बढ़हिया, लखीसराय में तो आज की तिथि में एक भी कर्मचारी नहीं रह गए हैं। दूसरे कॉलेजों में जो भी कर्मचारी बचे हुए हैं उनके कंधों पर कार्यों का बोझ बढ़ गया है। इसके कारण विभिन्न कार्यों को समय पर निपटाने में हर जगह देरी होती है। ऐसे में, कॉलेज हो या विश्वविद्यालय सभी जगह सामान्य क्रियाकलाप भी प्रभावित हो रहा है।
अधिकारियों ने की सुधार की मांग: विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की दिशा में सरकार को जल्द- से- जल्द कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि कार्यालयी कामकाज में सुधार हो सके और छात्रों की आवश्यकताएं भी समय पर पूरी की जा सकें।
कहते हैं विश्वविद्यालय अधिकारी: कर्मचारियों की बहाली करना विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में नहीं है। कर्मचारियों की बहाली राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में कर्मचारियों की कमी की सूचना शिक्षा विभाग को लगातार दी जा रही है। कुछ कॉलेजों में एक भी कर्मचारी नहीं रह गये हैं। ऐसे में कर्मचारियों की कमी के कारण कॉलेजों के साथ-साथ विश्वविद्यालय का क्रियाकलाप बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। आशा है कि, कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग जल्द- से- जल्द कर्मचारियों की बहाली करेगा।
-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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