Hindi Newsबिहार न्यूज़मुंगेरMunger University Faces Decline in Education Quality Due to Teacher Shortage

मुंगेर विश्वविद्यालय शिक्षकों की भारी कमी, पठन-पाठन पर असर

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय और इसके अधीन आने वाले कॉलेजों में शिक्षा की

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 9 Nov 2024 11:59 PM
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मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय और इसके अधीन आने वाले कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षकों की कमी के कारण प्रभावित हो रही है। यदि शीघ्र ही रिक्त पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई एवं विभिन्न विषयों में शिक्षकों के नए पदों का सृजन नहीं किया गया तो विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त शिक्षा की गुणवत्ता में और गिरावट आ सकती है। विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में शिक्षकों के कुल 489 स्थाई सृजित पद हैं। इनमें से वर्तमान में केवल 223 पदों पर ही स्थाई शिक्षक बचे हुए हैं और 266 पद रिक्त हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में 100 अतिथि शिक्षक भी कार्यरत हैं। 223 अस्थाई शिक्षकों पर ही स्नातकोत्तर के 20 विभिन्न विभागों के संचालन की भी जिम्मेदारी है। क्योंकि, अभी तक स्नातक उत्तर के विभागों के लिए पदों का सृजन नहीं हो सका है, इसीलिए विश्वविद्यालय में उपलब्ध शिक्षकों के द्वारा ही पीजी की कक्षाएं संचालित कराई जा रही हैं। स्नातकोत्तर विभागों के लिए 120 शिक्षकों के पद के सृजन का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन, अभी तक इसकी स्वीकृति विश्वविद्यालय को नहीं मिली है।

कहते हैं विश्वविद्यालय अधिकारी:

शिक्षकों की कमी की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार के स्तर पर कार्य किया जा रहे हैं। कुछ विषयों में पिछले दिनों विश्वविद्यालय को शिक्षक मिले हैं। कुछ और विषयों में भी शिक्षक मिलेंगे। इसके बावजूद शिक्षकों की कमी रहेगी। इस कमी को अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के द्वारा पूरा किया जा सकता है। लेकिन, नियमित कुलपति के नियुक्ति तक विश्वविद्यालय कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती है। विश्वविद्यालय को नियमित कुलपति की नियुक्ति का इंतजार है। इसके बाद ही इस दिशा में कुछ किया जा सकता है। हालांकि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षकों की कमी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं है।

- प्रो बीसी पांडेय, डीएसडब्ल्यू, विश्वविद्यालय, मुंगेर

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