एआईएसएचई के लिए डेटा सबमिशन में सुस्ती: मुंगेर विवि के 40 में से केवल 5 कॉलेजों का डेटा हुआ जमा
मा करने का शिक्षा विभाग ने दिया था निर्देश डेटा जमा नहीं करने पर कॉलेजों का नहीं होगा नैक मूल्यांकन मुंगेर, एक संवाददाता। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और
मुंगेर, एक संवाददाता। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और प्रगति को मापने के लिए ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के पोर्टल पर मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेजों का डेटा सबमिशन की प्रक्रिया में सुस्ती देखने को मिल रही है। विश्वविद्यालय सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के अंगीभूत एवं संबद्ध 40 कॉलेजों में से अब तक केवल 5 कॉलेजों का डेटा ही जमा हो पाया है। जबकि, इसके लिए शिक्षा विभाग ने 15 जनवरी तक का समय सीमा निर्धारित किया है। इसमें से अब केवल 5 दिन बच गए हैं। ऐसे में, बांकी बचे 35 कॉलेजों के डेटा सबमिशन की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी और शिक्षा विभाग के निर्देश का कितना पालन होगा यह एक बड़ा प्रश्नचिन्ह बनकर खड़ा है।
शिक्षा विभाग का सख्त निर्देश:
ज्ञात हो कि, एआईएसएचई के निर्देशानुसार आगामी 15 फरवरी तक सभी कॉलेज का डाटा पोर्टल पर अपलोड करना है। किंतु, शिक्षा विभाग, पटना, बिहार ने सभी कॉलेजों को 15 जनवरी तक अपना डेटा विश्वविद्यालय को सौंपने का निर्देश दिया है। लेकिन इस निर्देश का बांकी बचे हुए 35 कॉलेजों पर कोई असर नहीं दिख रहा है और वे विश्वविद्यालय को अपना डाटा सौंपने के प्रति उदासीन बने हुए हैं।
ऐसे में, मुंगेर विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय को डाटा सौंपने में कॉलेजों की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की है। संबंधित अधिकारी का कहना है कि, डाटा सौंपने को लेकर बार-बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद अधिकांश कॉलेज अब तक निष्क्रिय हैं। वहीं, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि, डेटा सबमिशन में देरी से पूरे विश्वविद्यालय की छवि प्रभावित हो सकती है। वहीं, कॉलेजों का डेटा पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से कॉलेज को नैक मूल्यांकन में भी परेशानी होगी। एआईएसएचई पोर्टल पर कॉलेजों का डेटा सबमिट नहीं होने से उनका नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकेगी।
क्योंकि, एआईएसएचई के पोर्टल पर अपलोड किए जाने वाले डेटा में कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की संख्या, लाइब्रेरी की स्थिति, शैक्षणिक गतिविधि, कॉलेज की वित्तीय स्थिति, शैक्षणिक बुनियादी ढांचे आदि की जानकारी शामिल होती है। यह जानकारी नैक मूल्यांकन के लिए आवश्यक होता है। इसके साथ ही यह राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, कॉलेजों का डेटा सबमिशन नहीं होने से यह प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
कहते हैं अधिकारी:
विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों को निर्देश देने के बावजूद अब तक 35 कॉलेजों ने अपना डाटा विश्वविद्यालय को नहीं सौंपा है। यह स्थिति चिंताजनक है। एआईएसएचई के पोर्टल पर कॉलेजों का डाटा अपलोड नहीं होने पर उनका नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी। ऐसे में, बचे हुए कॉलेजों से अपील है कि, वे अपना- अपना डाटा समय सीमा के अंदर विश्वविद्यालय को सौंप दें, ताकि विश्वविद्यालय द्वारा एआईएसएचई पोर्टल पर समय पर कॉलेजों का डाटा अपलोड किया जा सके।
-- डॉ सूरज कोनार, नोडल पदाधिकारी,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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