मुंगेर विवि के किसी भी कॉलेज में नहीं हो रही है विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति
की कमी भी प्रभावित कर रहा है विद्यार्थियों की उपस्थिति को कॉलेजों के आधारभूत संरचनाओं के विकास को लेकर नहीं दिख रही है कोई योजना मुंगेर, एक संवाददा
मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अधिकांश कॉलेजों में छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति का मानक पूरा नहीं हो रहा है। शिक्षकों और आधारभूत संरचनाओं की कमी के कारण विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति प्रभावित हो रही है।
कॉलेजों में यूनिफॉर्म और उपस्थिति का अभाव:
अधिकांश कॉलेजों में विद्यार्थी नियमित रूप से यूनिफॉर्म में नहीं आते हैं। कई कॉलेजों में पर्याप्त कक्षाएं और बैठने की जगह नहीं है। विश्वविद्यालय सूत्र का मानना है कि, अगर सभी छात्र एक साथ कॉलेज पहुंचें, तो उनके बैठने की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाएगी। यही नहीं, कॉलेजों में कई विषयों में शिक्षकों की भी भारी कमी है। इससे न केवल पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि कॉलेज जाने और वर्ग अध्ययन के प्रति विद्यार्थियों की रुचि भी कम हो रही है।
आधारभूत संरचनाओं का अभाव:
कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी छात्रों की उपस्थिति और पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। छात्रों के लिए पर्याप्त कक्षाएं, लाइब्रेरी, लैब, कॉमन रूम और खेल-कूद आदि की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में, छात्र कॉलेज जाने के बजाय घर पर रहकर ही अध्ययन करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके कारण भी कॉलेजों में उनकी उपस्थिति कम हो रही है।
अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल:
कॉलेजों के आधारभूत संरचनाओं के विकास को लेकर कॉलेज के स्तर पर तो नहीं ही है, विश्वविद्यालय के स्तर पर भी कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही है। छात्रों और शिक्षकों के भविष्य को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। ऐसे में, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द- से- जल्द आवश्यक कदम उठाने की मांग की है, ताकि कॉलेजों की हालत सुधर सके और शिक्षा का स्तर बेहतर हो।
कहते हैं अधिकारी:
कॉलेज में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति एवं ड्रेस कोड का नियम लागू है। विद्यार्थियों की उपस्थिति पर कॉलेज में आवश्यक आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं की कमी के कारण सख्ती नहीं बड़ती जा रही है। तो तक ड्रेस कोड का सवाल है, तो विद्यार्थियों को इसका पालन करना चाहिए। यह अनुशासन के अंतर्गत है। इससे विद्यार्थियों में अनुशासन आता है। अतः विद्यार्थियों को इसकी आवश्यकता को समझना चाहिए। सभी कॉलेजों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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