एसबीएन कॉलेज, गढ़ी रामपुर में की गई विद्यार्थियों से अवैध राशि वसूली के मामले की जांच
मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर के नेतृत्व में एक जांच टीम ने एसबीएन कॉलेज, गढ़ीरामपुर का दौरा किया। छात्रों से 300 रुपये अतिरिक्त वसूलने के आरोपों की जांच की जा रही है।...
मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर के नेतृत्व में शुक्रवार को एक तीन सदस्यीय जांच टीम ने एसबीएन कॉलेज, गढ़ीरामपुर का दौरा किया। यह दौरा सत्र- 2024-28 के स्नातक सेमेस्टर-1 के लिए पंजीयन कराने के दौरान विद्यार्थियों से दस्तावेज सत्यापन के नाम पर 300 रुपये अतिरिक्त राशि वसूले जाने के आरोपों की जांच के लिए किया गया।
मामले की पृष्ठभूमि:
ज्ञात हो कि, 16 नवंबर 2024 को एसबीएन कॉलेज में पंजीयन के दौरान कर्मियों द्वारा दस्तावेज सत्यापन के लिए 300 रुपये और रसीद के माध्यम से मिसलेनियस शुल्क के नाम पर राशि वसूले जाने का मामला सामने आया था। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया और कुलसचिव ने इस संबंध में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। इस जांच टीम में कुलसचिव के साथ कुलानुशासक प्रो. संजय कुमार और ओएसडी डॉ. प्रियरंजन तिवारी शामिल थे।
जांच के दौरान निर्देश:
जांच के दौरान कुलसचिव ने कॉलेज प्रबंधन से वायरल वीडियो और वसूली के पीछे की प्रक्रिया पर जानकारी मांगी। कॉलेज प्रशासन ने इसे शासी निकाय (जीबी) की बैठक में लिए गए निर्णय का परिणाम बताया। वहीं, कुलसचिव ने कॉलेज को निर्देश दिया कि, शासी निकाय की बैठक की प्रोसिडिंग तीन दिनों के अंदर विश्वविद्यालय को सौंपी जाए। इस संबंध में उन्होंने मौके पर ही स्पष्ट कर दिया कि,कुलसचिव ने स्पष्ट किया कि, यदि तीन दिनों के भीतर शासी निकाय की प्रोसिडिंग विश्वविद्यालय को नहीं सौंपी जाती है, तो कॉलेज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ उन्होंने निर्देश दिया कि, विद्यार्थियों से तत्काल प्रभाव से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क न लिया जाए।
वहीं, इस संबंध में जानकारी देते हुए, कुलसचिव ने बताया कि, जांच की गई है और बैठक से संबंधित प्रोसेडिंग मांगी गई है। प्रोसीडिंग मिलने के बाद ही इस संबंध में कोई भी निर्णय लिया जाएगा।
कहते हैं कॉलेज के प्राचार्य:
वायरल बीडीओ प्राचार्य एवं कॉलेज प्रशासन को बदनाम करने की एक साजिश है। अतिरिक्त राशि लेने का निर्णय शासी निकाय की बैठक में लिया गया था। यह राशि रसीद के माध्यम से ली जा रही है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
-- ललन सिंह, प्राचार्य, एसबीएन कॉलेज,
गढ़ीरामपुर
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