नाटक में दिखाया गया भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का दर्द
बरियारपुर में आयोजित 25 वां अंतरराष्ट्रीय बहु भाषीय नाट्य महोत्सव का उद्घाटन विधायक अजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। पहले दिन पांच लघु नाटकों का मंचन हुआ, जिसमें विभिन्न सामाजिक मुद्दों...

बरियारपुर। निज संवाददाता अंग नाट्य मंच बरियारपुर के द्वारा आयोजित मानसी लक्ष्मण प्रेक्षागृह गांधीपुर में शुक्रवार की शाम 25 वा अंतरराष्ट्रीय बहु भाषीय लघु नाटक नुक्कड़ नाटक लोक नृत्य एवं रंग जुलूस प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया। समारोह का उद्घाटन जमालपुर के विधायक अजय कुमार, आशा के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम कुमार पटेल, कौशल पाठक, संजय केशरी, मुखिया अशोक मंडल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर आयोजक अभय कुमार, संजय कुमार, अर्पित, शानू, आदि लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम के पहले दिन पांच लघु नाटकों का मंचन किया गया। साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों ने लोक नृत्य की प्रस्तुति की गयी। नाट्य महोत्सव में पहला नाटक द रंग गिरिडीह नाट्य दल के द्वारा लाहौर नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक के लेखक असगर वजाहत निर्देशक पुरुषोत्तम दा थे। लाहौर नाटक में हिंदुस्तान और पकिस्तान के बंटवारे की बाद के दर्द को दिखाया गया ।
नाटक में सांस्कृतिक भिन्नता के साथ ही प्रेम और और समर्पण को भी दर्शाया गया । नाटक में दिखाया गया कि किस तरह लाहौर में एक हिंदू परिवार को मुस्लिम परिवार से दुख का भी सामना करना पड़ा । साथ ही उन्हें मौलवी के द्वारा समर्थन की भावना को दिखाया गया। इस नाटक में कलाकार साहिल सिंह , श्रुति सिन्हा, मृणाली कुमारी आदि ने अभिनय किया।
दूसरा नाटक बी ओल्ड बिंदु असम के द्वारा निहाल भट्टाचार्य के द्वारा लिखित निर्देशित एवं अभिनीत नाटक आई वांट टू फ्लाई लाइक एकाइट का मंचन किया गया । जिसमें बाल श्रम आधारित नाटक में दर्शाया गया कि आर्थिक स्वास्थ्य पूर्ति के लिए श्रम करवाकर किस तरह बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस नाटक में बाल श्रमिक के जीवन के दर्द को प्रस्तुत किया गया।
तीसरा नाटक नाट्यालय रांची के द्वारा सौरभ शर्मा लिखित एवं आयुषी भद्र निर्देशित नाटक कथा एगो अगोचर का मंचन किया गया इस नाटक में ब्यंग के माध्यम से यह दिखाया गया है कि कैसे सरकार और उसके अधिकारी अपनी निजी हितों के लिए जनता के धन का दुरुपयोग करते हैं। कला व संस्कृति के नाम पर अधिकारी सिर्फ सरकारी राशि का लूट करते हैं। इस नाटक में कलाकार आयुषी भद्र, बादल साहू , शिवम मनोहरण आदि ने अभिनय किया।
बिहार की धरती ने कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनायी है
बरियारपुर। निज संवाददाता
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में भाग लेने आये कलाकारों ने कहा कि कला के क्षेत्र में बरियारपुर की खास पहचान है। उन्होंने कहा कि बिहार आकर हम सब को अच्छा लगा रहा है। बहुत प्यारा प्रदेश है बिहार। उड़ीसा से नाट्य महोत्सव में भाग लेने आई ऐश्वर्या मोहंती ने कहा कि कला के बल पर लगातार 25 वर्षों से ऐसा आयोजन होना बड़ी बात है। राउलकेला सुंदरगढ़ की कलाकार बंदना नायक ने कहा कि वे पहली बार बिहार आई है। बिहार आकर बहुत अच्छा लगा। बिहार की धरती ने हमेशा कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनायी है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अब नाटकों का दौर घटता जा रहा हैं। जबकि नाटक के माध्यम लोगो को हर चेतना की शिक्षा दी जा सकती है। आगरा से आई युक्ति ने कहा कि वे बरियारपुर के नाट्य महोत्सव में पहली बार भाग लेने आई है। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। कला की समझ इस छोटे से कस्बे में सबसे अधिक हैं। लखनऊ की मन्नू शर्मा ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि इस छोटे से गांव में इतना बड़ा आयोजन 25 वर्षों से हो रहा है। उन्होंने कहा कि कलाकार को जीवंत गांव के कलाकारों ने रखा हैं। पैसे पर कला दिखाने वाले अब समाज की कुरीतियों को नहीं देखते हैं। हम बरियारपुर आकर बहुत खुश है। अंग नाट्य मंच के चर्चित कलाकर शालू सागर ने कहा कि वे जीवन कला में बीता दी है। कला के माध्यम से शिक्षा हासिल की। समाज में अलग पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि बरियारपुर की धरती को नमन करना चाहिए जिस धरती पर हर साल छोटा सा लघु भारत का नजारा देखने को मिलता है।
----------------------------------------------------
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।