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डीएलएसए सचिव ने मंडल काला व पर्यवेक्षण गृह का लिया जायजा

क किरण निधि, लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के सहायक राकेश कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। मंडल कारा में व्यवस्थाओं का जायजा: निरीक्षण के दौरान मं

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरFri, 22 Nov 2024 10:53 PM
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मुंगेर, एक संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मुंगेर के तत्वावधान में शुक्रवार, 22 नवंबर को मंडल कारा, मुंगेर और पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व प्राधिकार के सचिव दिनेश कुमार ने किया। इस अवसर पर मंडल कारा अधीक्षक किरण निधि, लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के सहायक राकेश कुमार और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

मंडल कारा में व्यवस्थाओं का जायजा:

निरीक्षण के दौरान मंडल कारा में कैदियों के आवास, भोजन, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। सचिव ने कारा में उपस्थित कैदियों की समस्याओं को सुना और समाधान के लिए मौके पर ही मंडल कारा अधीक्षक को उचित दिशा-निर्देश दिया।

जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन:

डीएलएसए के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान मंडल कारा में विशेष विधि जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति-जनजाति, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग कैदियों को उनके अधिकारों और विधिक सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएलएसए, मुंगेर के सचिव ने की, जबकि संचालन राकेश कुमार ने किया। वहीं, मंडल कारा अधीक्षक ने जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।

पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण:

डीएलएसए सचिव ने पर्यवेक्षण गृह का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने संस्थान में रह रहे बच्चों और अन्य निवासियों की स्थिति का आकलन किया। निरीक्षण के दौरान पर्यवेक्षण गृह अधीक्षक प्रणव कुमार और विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान के समन्वयक मिल्टन कुमार नंदी उपस्थित रहे।

मानवीय दृष्टिकोण पर बल:

सचिव ने निरीक्षण के दौरान कैदियों और पर्यवेक्षण गृह में रह रहे लोगों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि, सभी व्यक्तियों को उनके अधिकारों और सुविधाओं का लाभ मिले।

वहीं, इस संबंध में जानकारी देते हुए डीएलएसए सचिव ने बताया कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल निरीक्षण करना था, बल्कि जेल और पर्यवेक्षण गृह में रहने वालों को उनके विधिक अधिकारों और सहायता के प्रति जागरूक करना भी था।

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