Hindi NewsBihar NewsMunger NewsIndian Railways Establishes Jamalpur as Central Nodal Training Institute for Mechanical Engineering

इरिमी जमालपुर अब मैकेनिकल इंजीनियरिंग का नोडल केंद्रीय ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट बनेगा, रेलवे बोर्ड का निर्णय

जमालपुर के इरिमी को भारतीय रेलवे द्वारा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए नोडल केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि इरिमी के साथ-साथ अन्य 9 रेलवे...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 18 Jan 2025 01:45 AM
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जमालपुर। इम्तेयाज आलम भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी), जमालपुर अब देश का मैकेनिकल इंजीनियरिंग का नोडल केंद्रीय ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट बनेगा। तथा अब कैडरे से नोडल सीटीआई के रूप में विकसित होगी। रेलवे बोर्ड ने जमालपुर इरिमी के साथ साथ देश के कुल 9 रेलवे इंस्टीच्यूट को भी नोडल सीटीआई बनाने तथा आईआरएमएस के विभिन्न आयामों के तहत चयनित किया गया गया है। यह फरमान रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर ईस्टट (टीआरजी) जितेंद्र कुमार ने 16 जनवरी को पत्र के माध्यम से दी है। उन्होंने बताया कि आईआरएमएस (संशोधन) नियम, 2024 में भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवाओं (आईआरएमएस) के 08 उप-संवर्गों/ धाराओं की परिकल्पना की गई है। तथा विभिन्न कौशल/अप-कौशल प्रशिक्षण हस्तक्षेपों के माध्यम से विभिन्न रेलवे धाराओं के अधिकारियों की क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए, इस विषय पर सभी पूर्व निर्देशों को दरकिनार करते हुए नोडल सीटीआई की भूमिका निभाने का निर्णय लिया गया है।

ये है कैडर व सब कैडर अब बनेगी नोडल सीटीआई

रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने प्रोपोजल के अनुसार इरिमी जमालपुर को आईआरएमएस (मैकनिकल), आईआरआईएफएम सिकंदराबाद को आईआरएमएस (अकांउट) व (पर्सनल), आईआरआईसीईएन पुणे को आइआरएमएस (सिविल), आईआरआईईईएन नासिक को आइआरएमएस (इलेक्ट्रिकल) व (स्टोर), आइआरआईएसईटी सिकंदराबाद को आइआरएमएस (एस एंड टी), आइआरआइटीएम लखनऊ को आइआरएमएस (ट्रैपिक), आइआरआइएफएम सिकंदाबाद को आइआरएचएस बनाने का निर्णय लिया है।

कब और क्यों हुई थी इरिमी की स्थापना

राजा कर्ण की दानभूमि मंगेर से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर एशिया का सबसे बड़ा व प्रसिद्ध रेल इंजन कारखाना जमालपुर की स्थापना 8 फरवरी 1862 को हुई थी। इसी के साथ कारखाने के अहाते में 1905 में तकनीकी स्कूल के रुप में इस संस्थान की नींव डाली गई थी। ब्रिटिश द्वारा रेलवे परिचालन में सहायता के लिए अत्यंत मेधावी भारतीयों के चुनाव के लिए 1927 में विशेष श्रेणी रेलवे शिशिक्षु (एससीआरए) योजना की शुरूआत की गई थी। तथा इस संस्थान का नाम भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) जमालपुर रखा गया। इसलिए यह देश का सबसे पुराना केन्द्रीयकृत प्रशिक्षण संस्थान है। यहां निदेशक इरिमी के नियंत्रण में आईआरएसएमई प्रोबेशनरों का प्रशिक्षण तथा विशेष शिशिक्षु का 4 वर्षीय इंजीनियर डिग्री कोर्ष पूरा किया जाता है। इसके साथ ही यांत्रिक एवं विद्युत के पर्यवेक्षकों, अधिकारियों के लिए विभिन्न कोर्स भी चलाए जाते है। इरिमी का नियंत्रण रेलवे बोर्ड के हाथों में होता है। फिलहाल केंद्र सरकार और रेलवे बोर्ड ने एससीआरए का 2016 बैच का नया नामाकंन बंद कर रखा है।

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