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पैक्स की जगह किसान कम रेट पर व्यापरी को बेच रहे धान

संग्रामपुर में किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए व्यापारी को मजबूर होना पड़ रहा है। पैक्स द्वारा भुगतान में देरी के कारण किसान कम कीमत पर धान बेचने को विवश हैं। धान का सरकारी मूल्य 2300...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरMon, 23 Dec 2024 11:46 PM
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संग्रामपुर, एक संवाददाता। समर्थन मूल्य पर धान खरीद के महज 48 घंटे में भुगतान के दावे फाइलों तक ही सिमट कर रह गई है। समय पर भुगतान नहीं मिलने से किसान मजबूरी में व्यापारियों से कम दर पर बेच रहे हैं। दरअसल किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए उर्वरक और बीज की खरीद करनी है, जिसके लिए उन्हें रुपये की जरूरत है। संग्रामपुर प्रखंड को धान का कटोरा कहा जाता है। इसमें नवगांई, दुर्गापुर, रामपुर, ददरीजाला, दुरमट्टा, खपड़ा आदि पंचायतों धान की खेती होती है। किसान प्रति क्विंटल तीन से साढ़े तीन सौ रुपये का नुकसान सहकर व्यापारी से धान बेचने को मजबूर हैं। धान का सरकारी दर 23 सौ रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि व्यापारी 1950 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। किसानों को पैक्स गोदाम तक धान पहुंचाना है, जिसमें 125 रुपये खर्च हो जाते हैं। पैक्स द्वारा धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसानों के खातों में राशि नहीं भेजी जा रही है, जबकि व्यापारी धान खरीद के साथ कीमत देते हैं। ऐसे में जिन किसानों को तत्काल रुपये की जरूरत है, वह व्यापरी से बेच रहे हैं।

बोले किसान: भलुआ गांव के किसान रंजीत यादव ने बताया कि पैक्स में धान बेचने पर कीमत मिलने में विलंब होता है। जबकि व्यापारी खरीद के साथ या अग्रिम भुगतान भी कर देते हैं। इसी कारण पैक्स के बदले स्थानीय व्यापारी को धान दे रहे हैं। किसानों ने बताया कि खपड़ा पैक्स में अबतक धान की खरीद शुरू भी नहीं हुई है। ऐसे में व्यापारी से धान बेचना पड़ रहा है।

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