श्रद्धा एवं समर्पण से भक्तों को मिलती है ईश्वर की भक्ति
संग्रामपुर के बढ़ौनियां गांव में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचिका ब्रज प्रिया किशोरी ने भक्ति की शक्ति को बताया। राम जन्मोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें भगवान राम के जन्म और जीवन के आदर्शों पर चर्चा...

संग्रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र के बढ़ौनियां गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को कथा वाचिका ब्रज प्रिया किशोरी ने कहा कि भक्ति किसी उम्र या परिस्थिति की मोहताज नहीं होती। भक्ति में सच्चा समर्पण और श्रद्धा हो तो भगवान स्वयं अपने भक्तों के पास दौड़े चले आते हैं। भक्त प्रहलाद और ध्रुव के संबंध में बताया कि किस प्रकार बाल्यावस्था में भी दोनों ने अपनी भक्ति से भगवान को प्रसन्न कर लिया। भक्त प्रह्लाद ने विषम परिस्थितियों में भी भगवान नारायण में अटूट विश्वास रखा। वहीं ध्रुव ने कठोर तपस्या कर भगवान विष्णु से अपना स्थान प्राप्त किया। चौथे दिन के कथा का प्रमुख आकर्षण राम जन्मोत्सव का उल्लासमय आयोजन रहा। कथा वाचिका ब्रज प्रिया किशोरी ने राम जन्मोत्सव की कथा को अत्यंत भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ किया। यज्ञ के फलस्वरूप माता कौशल्या के गर्भ से भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, जिनका आगमन अधर्म, अन्याय और असत्य के नाश तथा धर्म की स्थापना के लिए हुआ। भजन मंडली की ओर से आज जन्मे हमारे राम लला भजन प्रस्तुत किया गया। कथा वाचिका ने राम के जीवन आदर्शों, मर्यादा, सत्य, समर्पण और कर्तव्यपरायणता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्रीराम केवल एक राजा ही नहीं, अपितु संपूर्ण मानवता के लिए एक आदर्श पुरुष हैं। राम जन्मोत्सव के बाद कथा में कृष्ण जन्म की दिव्य लीला का भी वर्णन किया गया। कथा के अंत में शिव विवाह प्रसंग और राजा दक्ष तथा भगवान शिव के बीच हुए संवाद का भी विस्तार से उल्लेख किया। इस मौके पर अभिराज सिंह, विजय कापरी, हरेंद्र सिंह, रत्नेश्वर शर्मा, परशुराम मंडल आदि मौजूद थे।
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