राजभवन से स्वीकृति के बाद लागू होगी वेतन वृद्धि
मुंगेर विश्वविद्यालय की अधिकारियों की बैठक पटना में हुई, जिसमें शिक्षकों की प्रोन्नति और वेतन निर्धारण पर चर्चा की गई। बैठक में तय हुआ कि वेतन निर्धारण तभी मान्य होगा जब राजभवन से स्वीकृति मिलेगी। इस...

मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना के सात वर्षों के इतिहास में दूसरी बार मुंगेर विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बैठक पटना में हुई। इससे पूर्व मुंविवि के संस्थापक कुलपति प्रो. रंजीत कुमार वर्मा के कार्यकाल में एक बैठक पटना में हुई थी। इस बार की बैठक काफी विवादित रही। शिक्षकों की प्रोन्नति के अलावा कर्मचारियों के अस्थायी प्रोन्नति के बाद वेतन निर्धारण को लेकर कमेटी की बैठक पटना में हुई। बैठक में कमेटी ने वेतन निर्धारण को इस शर्त के साथ स्वीकृति दी कि राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद ही यह मान्य होगा। ऐसे में अगस्त 2024 में जिन शिक्षकों को प्रोन्नति मिली, उन्हें तभी मंगलवार को हुए वेतन निर्धारण की बैठक का लाभ मिल पाएगा, जब उसे राजभवन से स्वीकृति मिल पाएगी।
गौरतलब है कि मुंगेर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उस कालखंड में शिक्षकों को प्रोन्नति दी, जिस समय कुलपति के नीतिगत निर्णय लेने पर राजभवन ने रोक लगा रखी थी। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने लगभग 80 शिक्षकों को प्रोन्नति दे दी। इस संबंध में 03 अगस्त 2024 को अधिसूचना भी जारी कर दी। इसके बाद 06 अगस्त को राजभवन ने पत्र जारी कर प्रोन्नति के अलावा 10 मई से 06 अगस्त 2024 के बीच लिए गए कुलपति के सभी निर्णयों के रिव्यू का आदेश जारी कर दिया। राजभवन के इस पत्र ने पूरी प्रोन्नति प्रक्रिया के वैधानिकता पर ही प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया।
इधर जनवरी के तीसरे सप्ताह में नए कुलपति के रूप में प्रो. संजय कुमार के पदभार ग्रहण करने के साथ ही शिक्षकों के एक समूह ने कुलपति पर 03 अगस्त 2024 को प्रोन्नति से संबंधित अधिसूचना के आधार पर वेतन निर्धारण कर उसके आधार पर बजट तैयार करने को लेकर दबाव बढ़ा दिया। ऐसे में कुलपति ने वेतन निर्धारण के लिए कमेटी गठित की। इसकी दूसरी बैठक 22 फरवरी को होनी थी जो अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई। इसके बाद यह बैठक 25 फरवरी मंगलवार को पटना में संपन्न हुई। इसमें चर्चा के बाद वेतन निर्धारण तो कर दिया गया, पर यह निर्णय लिया गया कि राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
वेतन निर्धारण को लेकर गठित की गई छह सदस्यीय कमेटी-
शिक्षकों के वेतन निर्धारण को लेकर दिए जा रहे दबाव के बीच कुलपति ने छह सदस्यीय कमेटी गठित की। इसमें कुलपति के तीन नामित सदस्य में मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय के एफए सुनील कुमार सिन्हा, पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एनके झा तथा तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के पूर्व एफओ प्रो. सुरेन्द्र सिंह, दो वरीय प्राध्यापकों में बीआरएम कालेज के प्राचार्य सह प्रोन्नति को लेकर गठित सेल के संयोजक प्रो.अजीत कुमार ठाकुर तथा आरडी एंड डीजे कॉलेज की प्रो. रंजना सिंह एवं मुंविवि के वित्त पदाधिकारी प्रो. रंजन कुमार सदस्य है। वहीं कुलपति पदेन अध्यक्ष तथा कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर कमेटी के सदस्य सचिव हैं। मंगलवार को पटना में संपन्न हुई बैठक में प्रो. रंजना सिंह शामिल नहीं हो पाई।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।