देश की आजादी व आवाम के हितों की रक्षा में कम्युनिष्टों की रही है महत्वपूर्ण भूमिका
मुंगेर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह में विद्या सागर गिरी ने आजादी के बाद कम्युनिस्टों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों के अधिकारों के...
मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। देश की आजादी और आजादी के बाद आम आवाम के हितों की रक्षा में कम्युनिस्टों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आजादी के बाद मजदूरों, शिक्षा के सवालों, किसानों, कर्मचारियों के हितों में भाकपा ने बड़े-बड़े आंदोलनों को संगठित किया है। यह बातें एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भाकपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य विद्या सागर गिरी ने भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह में शुक्रवार को जिला कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला सचिव दिलीप कुमार ने की। मुख्य वक्ता श्री गिरी ने कहा कि 26 दिसंबर 1926 को चंद भूमिगत क्रांतिकारियों ने पार्टी की स्थापना की। जंग-ए- आज़ादी में अंग्रेज सरकार क्रांतिकारियों और कम्युनिस्टों को ही अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे। यही कारण है कि कानपुर षडयंत्र केस हो या मेरठ, पेशावर, पटना आदि षडयंत्र केस इन्हीं दोनों संगठन के लोगों को फंसाया जाता था। कम्युनिस्ट नेता व स्वाधीनता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी ने कांग्रेस महाधिवेशन ( 1921, अहमदाबाद) में पहली बार संपूर्ण आजादी का प्रस्ताव रखा था।
बिहार के जिला पार्टी दफ्तरों में टंगी शहीद साथियों की सूची हमारे त्याग - बलिदान की अमर गाथा को बताने के लिए काफी है। प्रदेश नेता जितेंद्र कुमार ने कहा कि मुंगेर क्रांतिकारियों की महान भूमि है और बिहार पार्टी की जन्मदात्री है। आज भी हमारी पार्टी राज्य के हर जिलों में संघर्ष की अगुवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य और देश की सत्ता से हटाने के लिए भाकपा को मजबूत करना जरूरी है। कार्यक्रम को पार्टी के सचिव संजीवन कुमार सिंह, लखीसराय एटक नेता जनार्दन सिंह, बच्चू राय चंद्रवंशी, सेनापति मिश्र, बजरंगी मंडल आदि ने भी संबोधित किया।
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