आजादी के 75 साल बाद भी तारापुर दियारा के लोगों को आर्सेनिक पानी से नहीं मिला छुटकारा अभियान-1
का एक बार भी नहीं किया गया उपयोग मुंगेर, निज प्रतिनिधि। आजादी के 75 वर्ष बीत गये लेकिन अब तक तारापुर दियारा पंचायत के रहिया, दिवानी टोला, फुलकिया एवं
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। आजादी के 75 वर्ष बीत गये लेकिन अब तक तारापुर दियारा पंचायत के रहिया, दिवानी टोला, फुलकिया एवं अन्य गांवों के लोगों को आर्सेनिक पानी से छुटकारा नहीं मिला। आज भी इन गांवो के आमलोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुई है। जिसके कारण ये लोग ईंट भट्टा से पीने के लिये पानी पीने को मजबूर हैं। आर्सेनिक पानी पीना इन लोगों की मजबूरी बन गई है। बिहार सरकार की ओर से संचालित हो रहे हर घर नल का जल योजना के तहत इनलोगों को शुद्ध पानी के लिये कनेक्शन तो लगाया गया है, बावजूद गाड़े गये बारिंग से भी 110 प्रतिशत आर्सेनिक पानी ही निकल रहा है। -----
जलमीनार में लगाये गये वाटर ट्रीटमेंट बनी हुई है शोभा की वस्तु:
सबसे बड़ी बात तो यह है कि तारापुर दियारा के पानी से संबंधित गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों लोगों को शुद्ध पानी मिल सके इसके लिये सभी जलमीनारों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तो लगाया गया है, लेकिन वाटर ट्रीटमेंट का उपयोग आज तक नहीं किया गया है। लगाये गये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जलमीनार में शोभा की वस्तु बनी हुई है। पानी सप्लाई में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का एक बार भी उपयोग नहीं किया गया है। जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी नलजल योजना का सही रूप में लाभ नहीं मिल रहा है।
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अधिकारी आर्सेनिक पानी से छुटकारा के लिये नहीं दे रहे कोई ध्यान:
एक ओर तारापुर दियारा के लोग आर्सेनिक पानी से निजात पाने के लिये कई वर्षों से नेताओं व अधिकारियों से गुहार लगायी है। शिकायत के बाद भी जलमीनार में लगाये गये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को चालू नहीं कराया गया है। इस मामले में अधिकारी ग्रामीणों को सिर्फ आंसुओं की घूट पिला रहे हैं। ग्रामीण पीने के लिये तो बाजार से आरओ की बॉटल लाकर पीते हैं, लेकिन अन्य कार्यों में आर्सेनिक पानी अपना प्रभाव डाल रहा है। स्नान करने से शरीर में खुजली का प्रकोप बढ़ता है तो कपड़ा सफाई करने से कुछ ही दिनों में कपड़ा बर्वाद हो जाता है। इस प्रकार आर्सेनिक पानी की वजह से कई तरह की परेशानियों से ग्रामीणों को दो चार होना पड़ता है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण:
तारापुर दियारा के फुलकिया दिवानी टोला में 110 प्रतिशत पानी में आर्सेनिक है। आर्सेनिक पानी पीने के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शिकायत के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बमबम चौधरी, पूर्व मुखिया सह, फुलकिया के ग्रामीण।
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मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना का शत प्रतिशत लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। आर्सेनिक पानी के कारण प्रतिकुल असर गांव के बच्चों के साथ ही सभी वर्गों के लोगों पर पड़ रहा है। लगाए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट हाथी का दांत साबित हो रहा है।
घनश्याम मंडल, दिवानी टोला।
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जिस पानी से कपड़ा साफ करने पर कपड़ा पीला हो जाता है, उस पानी से स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ सकता है, यह अंदाज लगाया जा सकता है। पानी की गुणवत्ता काफी खराब है। जिसका स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ता दिख रहा है। नल जल व्यवस्था भी सही नहीं है।
शारदा देवी, पंच दिवानी टोला।
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नलजल व्यवस्था सिर्फ देखने के लिये रह गई है। पीने के लिये पानी बाहर से लाना पड़ता है। जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस ओर न ही कोई अधिकारी और न ही कोई जनप्रतिनिधि ही विशेष ध्यान दे रही है। यहां की जनता वान भरोसे है।
किशुन मंडल, दिवानी टोला।
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तारापुर दियारा पंचायत के रहिया, दिवानी टोला , फुलकिया में लगाये गये जलमीनार में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं रहने की बाते संज्ञान में आया आया है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जल्द चालू कराया जायेगा।
अजीत कुमार सिंह, डीडीसी मुंगेर
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