आस्ट्रेलियाई ने वसीयत में लिखा था भारत में हो अंतिम संस्कार
91 वर्षीय आस्ट्रेलियाई डोनाल्ड सैम्स की भारत यात्रा के दौरान मुंगेर में मृत्यु हो गई। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनका अंतिम संस्कार भारत में होना चाहिए। उनकी पत्नी एलेस और आस्ट्रेलियाई...
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मुंगेर। आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर निवासी 91 वर्षीय डोनाल्ड सैम्स को भारत से इतना प्रेम था कि उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था, मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार भारत में ही हो। संयोग भी कुछ ऐसा हुआ कि 12वीं बार भ्रमण पर भारत पहुंचे 91 वर्षीय डोनाल्ड सैम्स की मौत मुंगेर में हो गई। इसके बाद दूतावास के आदेश और मृतक की पत्नी की सहमति पर मुंगेर के चुरंबा स्थित ईसाई कब्रिस्तान में ईसाई रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ। मौके पर पत्नी सहित उनके साथ आए आस्ट्रेलियाई सैलानियों ने मृतक को श्रद्धांजलि दी। डोनाल्ड सैम्स की पत्नी एलेस ने बताया कि 26 आस्ट्रेलियाई विदेशी टूरिस्ट का ग्रुप कोलकाता से पटना की यात्रा पर पांडवा क्रूज से गंगा के रास्ते 10 फरवरी को कोलकाता से निकले थे। शुक्रवार की रात क्रूज मुंगेर के बबुआ घाट पहुंचा था जहां रात में डोनाल्ड सैम्स की अचानक तबियत बिगड़ गई। क्रूज के स्टाफ ने स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दी। उन्हें तोपखाना बाजार स्थित नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक के अनुसार डोनाल्ड सैम्स की मौत सामान्य मौत है, अधिक उम्र के कारण उनकी मौत हुई है। मौत के बाद जिला प्रशासन द्वारा भारतीय दूतावास को इसकी सूचना दी गयी। आस्ट्रेलियाई दूतावास की सहमति और मृतक की पत्नी एलेस की सहमति से मुंगेर में ही उनका अंतिम संस्कार किए जाने का निर्णय लिया गया। डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई। साथ ही ईसाई रीति रिवाज से अंतिम संस्कार के लिए चर्च के पादरी का भी प्रबंध किया गया। डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि दूतावास के आदेश पर अंतिम संस्कार के लिए चर्च के पादरी का प्रबंध कराते हुए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। पत्नी एलेस के आग्रह पर बिना पोस्टमार्टम के मृतक डोनाल्ड सैम्स का अंतिम संस्कार चुरंबा स्थित ईसाई कब्रिस्तान में सम्पन्न हुआ। डोनाल्ड सैम्स की मौत के बाद अंतिम संस्कार होने तक क्रूज बबुआ घाट पर शुक्रवार की रात से शनिवार दोपहर तक खड़ा रहा। चुरंबा स्थित ईसाई कब्रिस्तान पहुंचे क्रूज पर सवार सभी 25 लोगों ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
पिता ब्रिटिश फौज में भारत में थे कार्यरत: मृतक डोनाल्ड सैम्स आस्ट्रेलियाई हाईकमान के रिटायर्ड अफसर थे। उनकी पत्नी एलेस ने बताया कि डोनाल्ड सैम्स के पिता अंग्रेजी शासन काल में ब्रिटिश आर्मी में असम में काम करते थे। अपने पिता की याद को ताजा रखने के लिए डोनाल्ड सैम्स जब भी भारत आते थे तो असम जरूर जाते थे। यह उन लोगों की 12वीं भारत यात्रा थी। हर यात्रा में वे लोग गंगा के रास्ते कोलकाता से पटना तक यात्रा करते थे। भारत से डोनाल्ड को इतना लगाव था कि उन्होंने वसीयत में लिख दिया था कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार भारत में ही हो।
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