बिहार में नीतीश की शराबबंदी के खिलाफ माहौल बना रहे नेता; प्रशांत किशोर के बाद मुकेश सहनी भी कूदे
- बिहार विधानसभा के 2025 में होने वाले चुनाव में शराबबंदी एक मुद्दा बनता दिख रहा है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा सरकार बनने पर एक घंटे में शराब से बैन हटाने के खुले ऐलान के बाद विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने महागठबंधन सरकार बनने पर इसकी समीक्षा की बात कही है।
बिहार में शराबबंदी के बाद दो लोकसभा और एक विधानसभा का चुनाव हो चुका है लेकिन अब तक सत्तारूढ़ गठबंधन ही नहीं बल्कि विपक्ष के भी किसी प्रमुख दल ने बिहार में 2016 के अप्रैल से लागू पूर्ण शराबबंदी को हटाने की बात नहीं की थी। लेकिन शराब पर बैन जारी रहे या इसे हटा दिया जाए, 2025 के विधानसभा चुनाव में इसे एक चुनावी मुद्दा बनाने का माहौल बन रहा है। पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने खुला ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर देंगे। अब महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने कहा है कि सरकार बनी तो शराब बैन की समीक्षा होगी।
मुकेश सहनी ने मुजफ्फरपुर में पार्टी नेताओं की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू की थी, वो मकसद पूरा नहीं हुआ है। आज घर-घर में शराब की होम डिलेवरी हो रही है। मुकेश सहनी ने कहा है कि जब शराबबंदी का घोषित उद्देश्य ही पूरा नहीं हुआ है तो इस पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। सहनी ने कहा कि वे लोग जब सरकार बनाएंगे तो इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग जनता के बीच जाएंगे, सर्वे करेंगे और देखेंगे कि जनता क्या हित है, राज्य सरकार का क्या हित है, उसके बाद ही हम लोग निर्णय लेंगे।
प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान- एक घंटे में शराबबंदी खत्म करेंगे; नीतीश की जेडीयू को 20 सीट नहीं आएगी
गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने जा रहे जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने अगस्त महीने में मीडिया को इंटरव्यू में कहा था कि जन सुराज को सरकार बनाने का मौका मिला तो एक घंटे में शराबबंदी खत्म कर देंगे। प्रशांत किशोर ने कहा था कि गांधी जी के नाम पर शराबबंदी के पक्ष में भ्रम फैलाया गया है जबकि उन्होंने कहीं नहीं कहा है कि इस पर सरकार को कानून बनाकर रोक लगाना चाहिए। गांधी ने शराबबंंदी को सामाजिक जागरण से जोड़ा था कि लोगों को बताया जाए कि इसमें क्या खराबी है, जिससे इसकी खपत कम हो।