ढाका अस्पताल में 30 हजार पशुओं पर मात्र एक डॉक्टर
ढाका में सिर्फ एक डॉक्टर के पास 30,000 पशुओं का इलाज करने की जिम्मेदारी है। कर्मचारियों की कमी के कारण डॉक्टर को कई बार खुद दवाएं लानी पड़ती हैं और आवश्यक दवाओं की भी कमी है। पशुपालकों को निजी...
सिकरहना। ढाका में महज एक डॉक्टर के भरोसे करीब 30 हजार पशुओं का इलाज है। यहां ने तो दूसरा कोई कंपाउंडर है और न कोई अन्य कर्मचारी। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि एक डॉक्टर किस प्रकार करीब 30 हजार पशुओं का इलाज कर सकते हैं। डॉक्टर के अलावे एक और स्टाफ डाटा एंट्री ऑपरेटर है, जिनका काम रिपोर्ट को कंप्यूटर में लोड करना व ईमेल प्राप्त करना है। लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण वे मवेशी के इलाज में भी डॉक्टर को सहयोग करते हैं। कुछ दिनों पूर्व तक यहां एक कंपाउडर थे। लेकिन उनका तबादला दूसरे जगह कर दिया गया। उनके स्थान पर अबतक किसी की प्रतिनियुक्ति नहीं हुयी है। डॉक्टर को यदि पानी की जरूरत है या कोई फाइल या दवा निकालनी है तो डॉक्टर को खुद करना पड़ता है। अस्पताल में मवेशियों के बीमारी संबंधित आवश्यक दवाएं भी मौजूद नहीं है। पिछले कई माह से दवाओं की कमी है। लेकिन विभाग द्वारा इसकी आपूर्ति नहीं की गयी है। डॉक्टर व कंपाउडर की कमी के कारण पशुपालकों को जब उनके पशु बीमार पड़ते है तो निजी डॉक्टर या जानकार का सहारा लेना पड़ता है। जहां उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
कई बार तो आवश्यक इलाज के अभाव में पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है। पशुपालक सियाराम प्रसाद, शंकर साह, महेन्द्र प्रसाद आदि ने बताया कि जब उनके मवेशी बीमार पड़ते है तो किसी प्राइवेट जानकार व्यक्ति को बुलाकर दिखाते है। ढाका के पशु चिकित्सक डॉ अनील कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की कमी से काम प्रभावित होता है। पशुओं के इलाज को लेकर एंबुलेंस सेवा बहाल हो गयी है। इससे काफी मदद मिल रही है। उनके टॉल फ्री नम्बर पर कॉल करने पर एंबुलेंस टीम वहां पहुंचकर मवेशियों का इलाज कर रही है, जो आवश्यक दवाओं की कमी है वह शीघ्र ही उपलब्ध होनेवाला है।
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