रक्सोल क्षेत्र के पशुपालक निजी चिकित्सक के भरोसे
रक्सौल के पशुपालकों को पशुओं के इलाज में कठिनाई हो रही है। एकमात्र पशु चिकित्सालय में केवल एक डॉक्टर है और दवाओं की कमी भी है। तेतरिया में भी नया भवन नहीं बन पा रहा है। स्थानीय नेता प्रशासन से भूमि...
रक्सौल। रक्सौल के पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। ठंड के मौसम में यह समस्या और बढ़ गई है। किसान झोलाछाप पशु डॉक्टरों पर निर्भर रहते हैं। शहर के ब्लॉक रोड में प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय है। मात्र एक डॉक्टर के भरोसे यह चिकित्सालय चल रहा है। कर्मचारी के नाम पर एक पशु धन सहायक, एक महिला डाटा इंट्री ऑपरेटर और एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पदस्थापित हैं। पिछले दो तीन माह से दवाओं की कमी भी बनी हुई है। हरैया निवासी वीरेंद्र प्रसाद, कौड़ीहार चौक निवासी सुभाष यादव आदि पशु धन मालिको और कृषकों ने बताया कि मवेशी अस्पताल अक्सर बंद रहता है। प्रभारी सह चिकित्सक डॉ अभिरंजन राय ने बताया कि दवाओं के साथ डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी है। जिन दवाओं की कमी है, उसके लिए इंडेंट किया गया है साथ ही कर्मियों की कमी दूर करने सहित अन्य सुविधा बहाली को ले कर विभाग को लिखा गया है।
तेतरिया में भूमि के अभाव में नहीं बन रहा भवन
तेतरिया। प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय के भवन निर्माण के लिए एक साल पहले एक करोड़ 70 लाख 69 हजार रुपए आवंटित किया गया था। भूमि के अभाव में भवन
निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। तेतरिया बाजार स्थित समुदायिक भवन के एक छोटे कमरे में अस्पताल चल रहा है। पशु चिकित्सा डॉ. राजकुमार ने बताया कि काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मात्र एक चिकित्सक, एक डाटा आपरेटर के भरोसे तेतरिया पशु चिकित्सालय चल रहा है। अस्पताल को लेकर युवा राजद प्रखंड अध्यक्ष कमलेश कुमार गुप्ता, वीआईपी पार्टी के तेतरिया प्रखंड अध्यक्ष उमेश यादव, सीपीएम के शैलेन्द्र कुशवाहा ने प्रशासन से तेतरिया में भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है।
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