चार दिनों से मरम्मत के इंतजार में अनुमंडल अस्पताल में खड़ा है एंबुलेंस
रक्सौल में स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस व्यवस्था बेहद खराब है। हाल ही में एक मरीज को मोतिहारी सदर अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। एंबुलेंस में स्टेपनी की कमी थी और यह कई दिनों से...

रक्सौल, एक संवाददाता। रक्सौल में स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस व्यवस्था बदहाल है। मरीजों को इलाज के लिए निकला एंबुलेंस खुद ही कब बीमार हो कर मंजिल पर पहुंचने के बजाय रास्ते में दम तोड दे। इसका ठिकाना नहीं है। ताजा मामले में रक्सौल अनुमंडल अस्पताल से रेफर किए गए एक गंभीर प्रकृति के मरीज को मोतिहारी सदर अस्पताल ले जा रहा एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस रामगढ़वा के तिलावे पुल के पास दुर्घटना का शिकार हो गया। गनीमत यह रहा कि बड़ा हादसा नहीं हुआ। एंबुलेंस का अगला चक्का ब्लास्ट हो गया। इसमें स्टेपनी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अतिरिक्त टायर नहीं रहने से चार पांच दिनों से एंबुलेस अनुमंडल अस्पताल में मरम्मती के इंतजार में खड़ा है। इसको लेकर विभाग को त्राहि माम संदेश भेजा गया है, जिस पर अब तक कोई सुनवाई और करवाई नहीं हो सकी है। इसी तरह रक्सौल प्रखंड के लौकरिया स्थित लौकरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के एंबुलेंस के खराब रहने से मरीजों को अस्पताल ले जाने लाने और रेफर के बाद अनुमंडल अस्पताल और जिला अस्पताल पहुंचने के लिए परेशान होना पड़ता है। मिली जानकारी के मुताबिक, रक्सौल में तीन एंबुलेंस है। जिसमे रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल सह पीएचसी को एक एडवांस लाइफ सपोर्ट और एक बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मिला है। वहीं,लौकरिया को एक बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस आवंटित है, जो जर्जर और पुराना है। इसके खराब होने के बाद इसे बनने के लिए भेजा गया, जो छह माह बाद भी लौट कर नहीं आया। इसको लेकर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. राजीव रंजन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर नया एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा है कि लौकरियां प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित है, जहां एल वन के तहत डिलिवरी भी होती है। लेकिन, एंबुलेंस की दिक्कत से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। रक्सौल से एंबुलेंस के जाने में एक घंटे से ज्यादा समय लग जाता है। सूत्रों ने बताया की अनुमंडल अस्पताल में एडवांस सिस्टम वाले एंबुलेंस को रेफर किए गए मरीज के लिए ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। जबकि,इसमें वेंटीलेटर लगा हुआ है। ऐसे में विंटीलेटर वाले मरीज के लिए इमरजेंसी में जरूर होती है। लेकिन, इसे आम मरीज की सेवा से फुरसत नहीं होती। जबकि,यह कार्य बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से भी हो सकता है। इस कारण इमरजेंसी में मरीज को काफी परेशानी होती है। कई बार दूसरे साधन की व्यवस्था करनी पड़ती है। इसको ले कर कई बार विभाग को सूचित किया जा चुका है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।