कड़ाके की ठंड में यात्री पार्क व सरकुलेटिंग एरिया में खुले आकाश के निचे करते है ट्रेन की प्रतिक्षा
रक्सौल रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की कमी के कारण यात्री ठंड में खुले में ट्रेन की प्रतीक्षा करने को मजबूर हैं। यहां द्वितीय श्रेणी का प्रतीक्षालय नहीं है और मौजूदा प्रतीक्षालय में आवश्यक बुनियादी...
रक्सौल, हिन्दूस्तान संवाददाता। पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर रेल मंडल का सर्वाधिक राजस्व देने वाले भारत नेपाल सीमा के प्रमुख रक्सौल स्थित मॉडल रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा के नाम पर बुनियादी सुविधा उपलब्ध न होंने से कड़ाके की ठंड में भी यात्री पार्क व सरकुलेटिंग एरिया में खुले आकाश के निचे ट्रेन की प्रतिक्षा करते हैं। यहां द्वतीय श्रेणी सुविधाजनक प्रतीक्षालय न होने के कारण यात्री स्टेशन के बाहर खुले स्थान पर बैठ कर ट्रेन की प्रतीक्षा करते हैं। एक नंबर प्लेटफॉर्म पर एक छोटे कमरे वाला प्रतीक्षालय स्थित है, जिसमें न तो शौचालय, स्नानघर, पानी, बेसीन व नल कुछ भी व्यवस्था नहीं है। बैठने के लिये सीमेंटेड चबूतरा बना है। ठंड के मौसम में यात्री मजबूरन उक्त प्रतीक्षालय में बैठने की अपेक्षा स्टेशन के बाहर ही गुजारा करते दिखते हैं। स्टेशन पर पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री यहां से ट्रेन की सफर करते हैं। स्टेशन पर फ्रेस होने व ट्रेन की प्रतीक्षा करने के लिये प्रतिक्षालय की ओर रूख करते हैं।
परन्तु प्रतीक्षालय में प्रवेश करते हीं निराश होकर बाहर निकल जाते हैं। वहां शौचालय व स्नानघर न होंने की वजह से वापस लौट जाते हैं।
क्या कहते है यात्री
मसवास कंगली पश्चिमी चम्पारण निवासी शकील अहमद ने बताया कि वे कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन से मुंबई जाने के लिये आये हैं। परन्तु स्टेशन पर सुविधाजनक यात्री प्रतीक्षालय नहीं होने की वजह से ठंड में भी स्टेशन के बाहर ट्रेन की प्रतीक्षा में बैठे हैं। रामगढ़वा क्षेत्र के दिनेश प्रसाद, शहजाद आलम, आदापुर के अमित, सिकटा पश्चिम चम्पारण की रुकसाना खातून, जमील सहित अन्य ने कहा की सरकार यात्रियों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराये। यात्री जब पैसा देते है। तो उन्हें सुविधा मिलनी चाहिए। परन्तु यहां तो उन्हें बुनियादी सुविधा तक नहीं मिल रहा है
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