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हास्य के फुआरों में देर रात तक भींगते रहें दर्शक

केसरिया महोत्सव के दूसरे दिन हास्य कवि सम्मेलन ने दर्शकों का मनोरंजन किया। गोरखपुर के कवि दिनेश बावरा ने अपनी कविताओं से सबको हंसाया। मुंबई से आए रोहित शर्मा और अन्य कवियों ने भी शानदार प्रस्तुतियाँ...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSun, 23 Feb 2025 12:15 AM
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हास्य के फुआरों में देर रात तक भींगते रहें दर्शक

केसरिया, निज संवाददाता। तीन दिवसीय केसरिया महोत्सव में दूसरे दिन शुक्रवार की देर शाम हास्य कवि सम्मलेन का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। दर्शक हास्य की फुहार से देर रात तक आनंदित होते रहे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए गोरखपुर से आए कवि दिनेश बावरा ने चिरागों के सफर में दबदबा आंधियों का हो तो अंजाम जुल्मतों के सिवाय ..गाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। डॉक्टर तिष्या श्री ने मां शारदे तेरी कृपा से गीत, कविता, छंद है को गाकर अपनी कविता पाठ की शुरुआत की। मुंबई से आए रोहित शर्मा ने तुमको मिल सकता है हमसे कोई बेहतर, हमको मिल सकता है तुमसे बेहतर को प्रस्तुत कर युवाओं से खूब ताली बटोरी। उनकी कविता थका नहीं है राज्य कभी ये कभी न हिम्मत हारी है, तभी तो दुनिया कहती है बिहारी सब पर भारी है ,कविता पाठ कर बिहार के मान को बढ़ाया। उनकी अगली कविता कौन घूमता है अब गली मुहल्ले में इश्क अब डिजिटल हो गया है। इस कविता पाठ से उन्होंने युवाओं को गुदगुदाया। संजीव मुकेश ने कविता पाठ किया कि वो इटली लंदन जाकर मौज मानते है....।

उनकी गीत सुर से सुर मिले ध्वनि से ताल नए साल ...पर खूब तालियां बजीं। दिनेश बावरा के कविता पाठ से लोग हंसते हंसते लोट पोट हो गए। उन्होंने मेरा रंग दे बसंती चोला..गाकर देश भक्ति का एहसास दिलाया। उनकी कविता पाठ मोबाइल बंद करके आइए और अतिथि का सम्मान पाइए सुना कर लोगों दुनियादारी का एहसास कराया। तिष्या श्री की कविता छोड़ पेशा मोहब्बत को गाती हूं मैं....जैसी पावन धरा से आती हू मैं। जीत लो तू मुझे खुद को मैं हारु, भूल जाए सभी कहानी हीर की। चाहतों को छुपाना गलत बात है, ख्वाब में यूं आना गलत बात है। प्राण में यूं समाना गलत बता है। उनकी गीत रात भर जाग कर तुमको लिखते रहे और तुम हो कि तुमको खबर ही नहीं...पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। इसके आलावा निलोतपल मृणाल ने कविता पाठ किया कि उस दौर का जादू क्या जाने रील बनाने वाले लड़के पर खूब ठहाके लगे। हास्य कवि अरुण जैमिनी ने पढ़ा भरत सा भाई, लक्ष्मण सा अनुआयी सच में सच्चाई...पर खूब तालियां बजीं। दिनेश बावरा की कविता इस दुनिया को खतरा ना चीन ना पाकिस्तान ना अमेरिका ना इजराइल से है आज की तारीख में सबसे ज्यादा खतरा मोबाइल से है। कवि सम्मेलन के अंत में विधायक शालिनी मिश्रा द्वारा सभी कवियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

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